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वाहन चालकों सहित रिहायशी इलाकों के निवासी हुए त्रस्त
अमरावती/दि.23 – इससे पहले सडकों के किनारे खडे रहनेवाले और गली-मोहल्लों में फेरी लगानेवाले फूटकर विक्रेताओं द्वारा अपनी हातगाडी या कटला रिक्षा पर रखे साजो-सामान को बेचने हेतु खुद चिल्लाकर जोर-जोर से पुकारा लगाया जाता था. वहीं अब बदलते वक्त के साथ कदमताल करते हुए इन फेरीवालों ने अपने हाथठेलों पर स्पीकर लगाने शुरू कर दिये है. जिनके जरिये पुकारा लगाने हेतु प्रि-रिकॉर्डेड ऑडिओ क्लिप को जोर-जोर से बजाया जाता है. किंतु एक के पीछे एक कई हाथठेलेवालों द्वारा बजायी जानेवाली इन ऑडिओ क्लिप की वजह से रास्ते पर चलनेवाले वाहनचालकों सहित रिहायशी इलाकों में रहनेवाले नागरिकोें को काफी समस्याओं व तकलीफों का सामना करना पड रहा है.
बता दें कि, शहर के प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों में सडक के दोनों ओर फल विक्रेताओं सहित खाने-पीने से संबंधित वस्तुओं की गाडियां लगी रहती है और इन हाथठेले वालों द्वारा ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने हेतु जोर-जोर से चिल्लाया जाता है. जिससे कई बार सडकों से गुजरनेवाले वाहन चालकों का ध्यान भटकता है और सडक हादसे घटित होने की संभावना बन जाती है. इसमें भी इन दिनों इन हाथठेलेवालों द्वारा तरह-तरह की आवाजवाले प्री-रिकॉर्डेड ऑडिओ अपने हाथठेलों पर स्पीकरों के जरिये बजाये जाते है. जिन से कानफाडू शोर पैदा होता है, क्योंकि लगभग सभी हाथठेले एक-दूसरे के एकदम आसपास खडे रहते है और सभी के स्पीकरों द्वारा एकसाथ शोर किया जाता है. इसी तरह शहर के रिहायशी इलाकों तथा गली-मोहल्लों में फेरी लगानेवाले हाथठेले व कटला चालकों द्वारा भी इन दिनों जमकर स्पीकरों का प्रयोग किया जाने लगा है. जिसके तहत साग-सब्जी बेचनेवाले व कबाड खरीदनेवाले फूटकर व्यवसायियों द्वारा भी स्पीकरों के जरिये पुकारा लगाया जाता है. ऐसे में बिना वजह का शोर-शराबा गली-मोहल्लों में सुनाई देता है. जिससे परिसरवासियों को काफी समस्याओं व दिक्कतों का सामना करना पडता है.
अतिक्रमण की समस्या जस की तस
इसके अलावा शहर के प्रमुख व्यापारिक क्षेत्रों तथा चौक-चौराहोें में सडक के दोनों ओर खडे रहनेवाले फेरीवालों व हाथठेलेवालों की वजह से होनेवाली अतिक्रमण की समस्या भी जस की तस बनी हुई है. जिसकी वजह से सडक चौडाईकरण करने के बावजूद भी सडकें बेहद सकरी है और वाहनों की आवाजाही के लिए सडकों पर जगह बेहद कम बचती है. ऐसे में सभी सडकों को अतिक्रमण मुक्त किये जाने की भी जरूरत है. जिसके लिए शहर में जल्द से जल्द हॉकर्स झोन बनाया जाना जरूरी है, ताकि चौक-चौराहोें पर सडकों के दोनों ओर खडे रहनेवाले हाथठेलेवालों को भी उनकी रोजी-रोटी के लिए जगह उपलब्ध करायी जा सके.