अमरावती/दि.30 – पहले एक राज्य से दूसरे राज्य में वाहन ट्रान्सफर करने हेतु 15 दिनों का समय लगता था और काफी किचकट प्रक्रिया से होकर गुजरना पडता था. इसके तहत पुलिस रिपोर्ट पेश करने के साथ-साथ 15 वर्ष का टैक्स भी भरना होता था. किंतु अब आगामी वर्ष में समूचे देश के लिए ‘बीएच’ की सीरिज आ जायेगी. जिसके पश्चात एक बार वाहन को नंबर मिल जाने पर उसे किसी भी अन्य राज्य मूें ट्रान्सफर करने के लिए बदलने की जरूरत नहीं रहेगी.
ऐसा रहेगा नंबर
‘बीएच’ सीरिज में चार अंकी नंबर रहेगा. जिसमें 1 से 9999 के आगे सीरिज रहेगी. इसके साथ ही एबी से झेडझेड के मुलाक्षर की सीरिज भी रहेगी. वहीं नंबर प्लेट पर ही गाडी का मेक ईयर भी दर्ज रहेगा. यह नई पध्दति आयटी व निजी क्षेत्र में काम करनेवाले लोगोें के लिए काफी लाफदायक रहेगी. इस हेतु ऑनलाईन पंजीयन करना होगा और तय सिस्टीम के अनुसार नंबर मिलेगा.
वायवाय – गाडी का पंजीयन वर्ष
बीएच – गाडी की नई सीरिज
++++ – 1234 से 9999 (गाडी क्रमांक – रैण्डम पध्दति)
एक्सएक्स – मूलाक्षर (एबी से झेडझेड)
बीएच सीरिज के लिए क्या करें
ऑनलाईन पंजीयन करना होगा. इसके तहत केंद्र व राज्य सरकार के कर्मचारियों तथा 4 से अधिक राज्यों में कार्यालय रहनेवाले कंपनियों के कर्मचारियों को लाभ मिलेगा.
– सरकारी कर्मचारियोें के लिए पहचान पत्र तथा निजी कंपनियों के कर्मचारियों हेतु निर्धारित प्रारूप में फॉर्म क्रमांक 60 भरना आवश्यक रहेगा.
दिसंबर माह से शुरू हुआ पंजीयन
– एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते समय वाहनों के लिए बीएच नंबर लेने हेतु प्रादेशिक परिवहन कार्यालय में दिसंबर माह से पंजीयन शुरू हो गया है. जिसके तहत अब तक तीन वाहनों को बीएच नंबर दिया जा चुका है.
– एक बार बीएच नंबर देने के बाद इसमें आगे चलकर कोई बदलाव नहीं होता.
दो वर्ष तक रोड टॅक्स भरा जा सकता है
बीएच वाहन के लिए ऑनलाईन पंजीयन कराने के बाद दो वर्ष का टैक्स भरा जा सकता है. वहीं दूसरे राज्य में जाने के बाद रोड टैक्स नहीं भरना पडेगा.
केंद्र, राज्य व निजी कंपनियों के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए ही बीएच वाहन की सुविधा है. इस हेतु उन्हें आवश्यक दस्तावेजों की पूर्तता करनी होगी. ऑनलाईन पंजीयन करने के बाद सिस्टीम के जरिये वाहन नंबर मिलता है. अमरावती में यह सुविधा शुरू हो चुकी है.
– सिध्दार्थ ठोके
सहायक प्रादेशिक परिवहन अधिकारी