अब उनकी नाटक कंपनी को घर पर बिठाना है
शिवाजी संस्था के अध्यक्ष पद दावेदार नरेशचंद्र ठाकरे का आवाहन
* आजीवन सदस्यों की बैठक को किया संबोधित
* विकास पैनल की हुई प्रचार सभा
अमरावती -दि.9 विगत 5 वर्षों के दौरान श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के मौजूदा अध्यक्ष द्बारा मनमाने तरिके से संस्था का कामकाज चलाया गया और घोटालेबाज व दोषी लोगों के हाथ में संस्था का कामकाज देकर संस्था को एक तरह से बर्बाद करने का काम मौजूदा अध्यक्ष द्बारा किया गया. उसके बावजूद वे लोग खुद को संस्था का हितैषी बताने का नाटक कर रहे हैं. अत: इस बार संस्था के आजीवन सदस्यों में ऐसी नाटक कंपनी को घर पर बिठाने का काम करना चाहिए. साथ ही विकास पैनल के प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करते हुए संस्था को गत वैभव प्रदान करने का कार्य करना चाहिए. इस आशय का प्रतिपादन शिवाजी शिक्षा संस्था के चुनाव लढ रहे विकास पैनल के मुखिया व अध्यक्ष पद के दावेदर नरेशचंद्र ठाकरे द्बारा किया गया.
गत रोज विकास पैनल की ओर से स्थानीय होटल ग्रैंड महफिल में प्रचार सभा आयोजित की गई थी. जिसमें संस्था के आजीवन सदस्यों सहित शिव परिवार के सदस्य बडी संख्या में उपस्थित थे. जिन्हें संबोधित करते हुए नरेशचंद्र ठाकरे ने उपरोक्त आवाहन किया. इस अवसर पर विकास पैनल की ओर से अध्यक्ष पद के दावेदार शरद तसरे, डॉ. अशोकराव अर्बट, केशवराव मेटकर, कोषाध्यक्ष पद के दावेदार बालासाहब वैद्य, सदस्य पद के दावेदार रमेश हिंगणकर, सुरेंद्र आंडे, डॉ. दिनकर गायगोले व नरहरपंत होले प्रमुख रुप से मंच पर उपस्थित थे. इस प्रचार सभा को संबोधित करते हुए अध्यक्ष पद के दावेदार नरेशचंद्र ठाकरे ने कहा कि, फिलहाल श्री शिवाजी शिक्षा संस्था में चल रहे कामकाज पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं हैं और अध्यक्ष द्बारा बे सिर के सलाह देने वाला सलाहकारों के हिसाब से काम किया जा रहा हैं. यहीं वजह है कि, संस्था की जमीन कोर्ट से जीतने के बावजूद उसे हस्तगत करने की बजाय उसके दस्तावेज गायब करने का काम अध्यक्ष और उनकी नाटक कंपनी द्बारा किया गया. ऐसे में सबसे बडा सवाल है कि, मौजूदा अध्यक्ष द्बारा संस्था के कौनसे हित को साधा जा रहा है.
इस समय उन्होंने यह भी कहा कि, संस्था के आजीवन सदस्यों के परिजनों और रिश्तेदारों को संस्था में प्रवेश देने के लिए वे अनुकूल हैं. साथ ही उनका आक्षेप यह है कि, जब संस्था में आजीवन सदस्य है, तो अन्यों को संस्था मेें क्यों शामिल किया जाए. ठाकरे ने यह आरोप भी लगाया कि, मौजूदा अध्यक्ष द्बारा संस्था में बढे पैमाने पर आर्थिक गडबडियां भी की गई हैं. ऐसे में संस्था की भलाई को देखते हुए अब संस्था को बर्बाद करने पर उतारु नाटक कंपनी को घर पर बिठाया जाना चाहिए और विकास पैनल के प्रत्याशियों को बहुमत के साथ चुना जाना चाहिए.