अमरावतीमहाराष्ट्र

अब विद्यार्थियों के पहचानपत्र पर रहेगा लाल व हरे रंग का निशान

विद्यार्थियों को अंडे व केले वितरीत करने के लिहाज से शालेय शिक्षा विभाग का निर्देश

पुणे/दि.26 – प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना अंतर्गत राज्य के विद्यार्थियों को केले व अंडे दिये जाते है. परंतु कई शाकाहारी परिवारों द्वारा अपने बच्चों को पोषाहार के तहत अंडे दिये जाने का विरोध किया जा रहा है तथा अंडे के बदले बच्चों को केले ही दिये जाने की बात कही जा रही है. ऐसे में किसी भी तरह की गडबडी से बचने हेतु शालेय शिक्षा विभाग ने पूरी तरह से शाकाहारी रहने वाले बच्चों के पहचानपत्र पर हरे रंग का और अंडे खाने हेतु सहमति देने वाले बच्चों के पहचानपत्र पर लाल रंग का निशान लगाये जाएंगे. इसके साथ ही यदि किसी चालक के 40 फीसद से अधिक विद्यार्थियों द्वारा अंडे की बजाय केेले की मांग की जाती है. तो शाला के सभी विद्यार्थियों को केले अथवा अपवादात्मक स्थिति में स्थानीय फल वितरीत किया जाएगा. जिसे लेकर शालेय शिक्षा विभाग ने एक परिपत्रक जारी किया है.

विद्यार्थियों को अंडे अथवा केले देने के संदर्भ में आने वाली दिक्कतों और इस विषय को लेकर सरकार के पास भेजे गये निवेदनों को ध्यान में रखते हुए इस योजना के क्रियान्वयन में और अधिक स्पष्टता लाने हेतु शालेय शिक्षा विभाग ने कई निर्देश जारी किये है. ज्ञात रहे कि, राज्य के कई रिहायशी क्षेत्रों में इस्कॉन संस्था अंतर्गत अन्नामृत फाउंडेशन व अक्षयपात्र संस्था के मार्फत केंद्रीय रसोईघर प्रणाली के जरिए तैयार आहार की आपूर्ति की जाती है. इस्कॉन नामक सेवाभावी संस्था की कार्यप्रणाली का विचार करते हुए नागरी क्षेत्रों में अन्नामृत फाउंडेशन व अक्षयपात्र संस्था के अधीन रहने वाली शालाओं के सभी विद्यार्थियों को नाविण्यपूर्ण उपक्रम अंतर्गत प्रति विद्यार्थी 5 रुपए की मर्यादा के तहत केले अथवा अपवादात्मक स्थिति में फल उपलब्ध कराने की अनुमति दी गई है. इसके अलावा कई नागरी क्षेत्रों में केंद्रीय रसोईघर प्रणाली के जरिए तैयार आहार की आपूर्ति महिला बचत गुटों द्वारा की जाती है. नागरी क्षेत्रों में बचत गुटों की लाभार्थी संख्या को ध्यान में रखते हुए जिन शालाओं में 40 फीसद से अधिक विद्यार्थियों द्वारा विद्यार्थियों द्वारा अंडे की बजाय केले दिये जाने की मांग की जाती है. ऐसी शालाओं के सभी विद्यार्थियों को केले अथवा अपवादात्मक स्थिति में स्थानीय फल दिये जाने को अनुमति दी जाएगी.

शालास्तर पर अंडे अथवा केले देने को लेकर अभिभावकों की अनुमति को सबसे महत्वपूर्ण माना जाएगा तथा जिन अभिभावकों द्वारा अपने पाल्यों को अंडे नहीं दिये जाने की बात कही जाएगी. उन बच्चों के पहचानपत्र पर हरे रंग का निशान लगाया जाएगा. साथ ही जिन अभिभावकों द्वारा अपने पाल्यों को अंडे दिये जाने के संदर्भ में सहमति दर्शायी जाएंगी, ऐसे विद्यार्थियों के पहचानपत्र पर लाल रंग का निशान लगाया जाएगा, ताकि पोषण आहर के तहत अंडे व केले के वितरीत में सुविधा व सुलभता हो.

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