अमरावती

अब क्या वाईन का ही मुद्दा बचा?

सांसद नवनीत राणा का ठाकरे सरकार से सवाल

अमरावती/दि.31– अनगिनत समस्याओं से त्रस्त महाराष्ट्र की जनता को राहत देने की बजाय राज्य की ठाकरे सरकार द्वारा किराणा दुकानों में वाईन का लाइसेंस देने संबंधी फैसले पर सांसद नवनीत राणा ने सरकार पर जोरदार हमला किया है. किसानों, छात्रों की फीस, बिजली बिल में पचास फीसदी छूट जैसी जरूरत पर बात करने तैयार नहीं रहने वाली सरकार द्वारा गली-मोहल्लोें में वाईन बिक्री का लाइसेंस दिया जा रहा है. इस पर सांसद राणा ने जबर्दस्त प्रहार किया है.
उध्दव ठाकरे सरकार पर बरसते हुए सांसद राणा ने कहा कि राज्य का किसान परेशान है, वह आत्महत्या करने के लिए विवश है. उसे कोई रियायत देने की जरूरत सरकार ने महसूस नहीं की. विद्यालयों में छात्रों की फीस में 50 फीसदी छूट देने का फैसला करने का सरकार को समय नहीं मिला. कोरोना महामारी के कारण आर्थिक कमर टूट चुके नागरिकों को बिजली बिल में 50 फीसदी की छूट देने का विचार सरकार ने नहीं किया, लेकिन वाईन के मामले में यह सरकार अत्याधिक सक्रिय दिखाई दे रही है. उन्होंने सरकार को कोसते हुए सवाल किया कि जनता की विभिन्न समस्याओं से भी क्या वाईन की बिक्री अधिक जरूरी थी. इसका जवाब सरकार को देना चाहिए.
* वाईन में अल्कोहोल नहीं की गारंटी दें
सांसद नवनीत राणा ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि, राज्य सरकार के मुख्यमंत्री और उनके मंत्री वाईन में अल्कोहोल नहीं रहने का दावा कर रहे हैं. इस दावे की खिल्ली उडाते हुए सांसद राणा ने कहा कि वाईन में अल्कोहोल नहीं रहने की गारंटी ठाकरे सरकार के मंत्रियों नेे देनी चाहिए. राज्य में किसानों के कृषि पंपों की बिजली काटी जा रही है. इस पर सरकार का ध्यान नहीं है लेकिन वाईन घर-घर बेचने के इंतजाम में वह लगातार लगी हुई है. इस पर सांसद नवनीत राणा ने हैरत के साथ ही तीव्र असंतोष भी जताया.

* किसानों पर ध्यान नहीं- रवि राणा
सरकार के वाईन संबंधी फैसले पर विधायक रवि राणा ने तीव्र असंतोष जताया. उनके मुताबिक संजय राउत वाइन संबंधी फैसले की तरफदारी करते हुए इसे किसानोें के हित में बता रहे हैं. लेकिन कितनी विडबंना है कि किसानों के कृषि पंप का कनेक्शन काटकर उनकी फसलों को बर्बाद किया जा रहा है. इस पर फैसला लेने के लिए ठाकरे कैबिनेट के पास समय नहीं है. इस फैसले की आलोचना रवि राणा ने करते हुए राज्य सरकार को किसानों, छात्रों, गरीबोें के हित में फैसले लेने का आग्रह किया.

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