अमरावतीमहाराष्ट्र

अब गेहूं के गोदामों की होगी जांच

कालाबाजारी पर अंकुश लगाने राज्य सरकार के आदेश

* स्टॉक को नियमित अपडेट करना होगा जरुरी
अमरावती /दि. 11– गेहूं की स्टॉकिंग होकर कालाबाजारी, कृत्रिम किल्लत और दर वृद्धि जैसी स्थिति पैदा न हो इस बात के मद्देनजर केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी की है. इसके अनुसार 31 मार्च 2025 की कालावधि तक सभी होलसेल व रिटेल विक्रेताओं तथा प्रोसेसर्स के लिए स्टॉक लिमीट तय कर दी गई है. साथ ही केंद्र व राज्य के संयुक्त पथकों को गेहूं के स्टॉक की नियमित जांच के आदेश भी दिए गए है. ऐसे में अब हर स्तर पर गेहूं के स्टॉक की जानकारी को रोजाना ऑनलाइन व अपडेट रखना होगा. साथ ही स्टॉक मर्यादा का उल्लंघन होने पर पथक द्वारा संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, ऐसी जानकारी जिला आपूर्ति अधिकारी द्वारा दी गई है.
इस संदर्भ में दी गई जानकारी के मुताबिक होलसेल व फुटकर बिक्रेताओं सहित बडे मॉल व प्रोसेसर्स को अपने पास रहनेवाले गेहूं के स्टॉक की जानकारी को सरकारी पोर्टल पर पंजीयन करते हुए दर्ज करना होगा. इसके जरिए सरकार द्वारा गेहूं की स्टॉकिंग को नियंत्रित करते हुए आपूर्ति व मांग के बीच संतुलन रखा जाएगा. इस लिहाज से आपूर्ति विभाग अब काम पर लग गया है.

* पथक को रिपोर्ट हेतु 14 तक डेडलाईन
आपूर्ति विभाग द्वारा 3 फरवरी को जारी पत्र के अनुसार भारतीय अन्न महामंडल के अधिकारी, गुण नियंत्रण मंडल, आपूर्ति विभाग, भारत सरकार के अधिकारी तथा राज्य सरकार के अधिकारी आदि का समावेश रहनेवाले संयुक्त पथकों द्वारा व्यापारियों के गोदामों की जांच-पडताल की जाएगी. आपूर्ति विभाग को गोदामों की अधिक से अधिक जांच करने का निर्देश दिया गया है और इन पथकों को अपनी रिपोर्ट 14 फरवरी से पहले पेश करनी होगी. इससे संबंधित प्रारुप संबंधित यंत्रणा को दिया गया है.

* गेहूं के व्यापारियों को संबंधित पोर्टल पर अपने पास रहनेवाले गेहूं के स्टॉक की जानकारी नियमित रुप से देनी होगी. किसी भी व्यापारी ने तय मर्यादा से अधिक स्टॉक नहीं रखना चाहिए और यदि जांच-पडताल के दौरान तय मर्यादा के अधिक स्टॉक पाया जाता है तो संबंधितों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
– निनाद लांडे, जिला आपूर्ति अधिकारी.

* व्यापारियों का ‘एफजीएल’ पंजीयन ही नहीं
जिले के अनाज व्यापारियों का आपूर्ति विभाग के पास फूड ग्रेन लाईसेंस यानी एफजीएल पंजीयन ही नहीं है और ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है. जिसके चलते जिले में गेहूं के व्यापारियों की निश्चित संख्या कितनी है, इसकी कोई जानकारी आपूर्ति विभाग के पास उपलब्ध नहीं है. ऐसी स्थिति में जांच पथकों को जिले के एक-एक व्यापारी की खोज करनी होगी. जिले में इस तरह के 125 अधिक व्यापारी रहने की जानकारी आपूर्ति विभाग द्वारा दी गई है.

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