कबाड बसों की वजह से रापनि 3.74 करोड रूपए के घाटे में
नवंबर माह में था 19.83 करोड रूपयों के राजस्व का लक्ष्य
* जिले के 8 में से एक भी डिपो का टारगेट नहीं हुआ पूरा
अमरावती/ दि. 26– यात्रियों की सेवा हेतु यह ब्रिज वाक्य लेकर राज्य के प्रत्येक कोने और गांव खेडे तक दौडनेवाले एसटी महामंडल की रफ्तार अमरावती जिले में सुस्त हो गई है. क्योंकि अमरावती जिले में रापनि के पास पर्याप्त वाहन नहीं है और जो वाहन उपलब्ध है उनकी हालत भी खस्ता है. जिसके चलते रापनि की एसटी बसें कहीं पर भी बंद पड जाती है. ऐसे में अब रापनि बसों से यात्रा करनेवाले यात्रियों ने पर्यायी साधन खोज लिए है. जिसके चलते नवंबर माह में रापनि द्बारा अपने राजस्व के टारगेट को पूरा नहीं किया जा सका. यद्यपि नवंबर माह में विधानसभा के चुनाव थे. इसके लिए रापनि की कई बसे बुक की गई थी और रापनि को प्रासंगिक करार से अच्छी खासी आय भी हुई थी. लेकिन इसके बावजूद भी नवंबर माह के दौरान अमरावती जिले के आंठो डिपो घाटे में ही रहे.
बता दें कि अमरावती जिले के आंठो डिपो को नवंबर माह में 19 करोड 83 लाख 84 हजार रूपयों का लक्ष्य दिया गया था. परंतु चुनाव के लिए हुए प्रासंगिक करार सहित आंठो डिपो की आय 16 करोड 9 लाख 62 हजार रूपए भी रही. इसके चलते नवंबर माह में ही राज्य परिवहन निगम को 3 करोड 74 लाख 22 हजार रूपयों का घाटा हुआ. इसके पीछे सबसे प्रमुख वजह रापनि की बसों में यात्रियों की संख्या का घट जाना बताया जाता है. लेकिन जब जिले के अधिकांश एसटी डिपो का प्रत्यक्ष जायजा लिया जाए तो पता चलता है कि कई यात्री कई-कई घंटों तक एसटी डिपो में बैठकर एसटी बसों का इंतजार करते रहते है. चूकि बुजुर्ग नागरिकों, पुरस्कार प्राप्त व्यक्तियों, महिलाओं एवं विद्यार्थियों को एसटी महामंडल की ओर से विविध तरह की सहूलियत दी जाती है. इसके चलते सहूलियत की दरों पर यात्रा करने हेतु एसटी बसों को संबंधित यात्रियों द्बारा पसंद किया जाता है. ऐसे में यात्रियों की संख्या के घट जाने की वजह पूरी तरह से सही नहीं है. बल्कि हकीकत यह है कि अमरावती जिले में राज्य परिवहन निगम के पास पर्याप्त वाहन ही नहीं है और उपलब्ध रहनेवाले वाहन भी खस्ताहाल व जर्जर हो चुके है. जिनकी बार-बार दूरूस्ती करनी पडती है. ऐसे में यात्रियों को मजबूर होकर एसटी बस उपलब्ध नहीं रहने पर पर्यायी साधनों का प्रयोग करना पडता है.
उल्लेखनीय है कि गुणवत्ता एवं पर्याप्त वाहन संख्या के मामले में अमरावती जिला अब भी काफी पीछे है तथा जिले में पुरानी एसटी बसों की संख्या काफी अधिक है. जिले के अमरावती, बडनेरा, वरूड, परतवाडा, चांदुर बाजार, चांदुर रेलवे,दर्यापुर व मोर्शी के रापनि डिपो में केवल 326 वाहन है. जिसके चलते जिले में एसटी बसों की पर्याप्त फैरिया नहीं हो पायी.
* जनसंख्या बढी, वाहन घटे
वर्ष 2019 के दौरान अमरावती जिले में रापनि के पास 465 बसें थी. जिसमें से 139 बसों को पुरानी व जर्जर हो जाने के चलते यात्री सेवा से हटा दिया गया. जिससे अन्य बसों पर काम का बोझ बढ गया.् विगत 5 वर्षो के दौरान जनसंख्या में काफी वृध्दि हुई है. जिसके प्रमाण में वाहनों की संख्या का बढना भी जरूरी था. लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं हुआ. उलटे एसटी बसों की संख्या घट गई.
* विठाई व शिवशाही भी खस्ताहाल
रापनि के अमरावती विभाग को नई पध्दति वाली विठाई एवं शिवशाही बसे भी प्राप्त हुई थी. लेकिन कुछ ही वर्ष के भीतर ये गाडियां भी खस्ताहाल हो गई. शिवशाही बसों में आसन व्यवस्था योग्य नहीं रहने, सुविधाओं को शुरू नहीं रहने, बसों के भीतर गंदगी रहने तथा इन बसों के बीच राह में बंद पड जाने जैसी समस्या के चलते यात्रियों ने अब दूसरे पर्याय को चुनना शुरू कर लिया है.
* वाहनों की संख्या पर्याप्त नहीं रहने के चलते बस फेरियों का लक्ष्य तय नहीं हो पा रहा.् ऐसे में राज्य सरकार से नई बसों की मांग को लेकर पत्र व्यवहार किया जा रहा है. जिले को जल्द ही इलेक्ट्रीक पर चलनेवाली कुछ बसे मिलनेवाली है. साथ ही यात्रियों की सुविधा हेतु लोकशाही दिवस की तरह शिकायत निवारण दिवस भी रखा जायेगा.
नीलेश बेलसरे,
विभाग नियंत्रक, अमरावती