एंड्राईड फोन नहीं रहनेवाले विद्यार्थियों की संख्या गिनी जायेगी
कोरोना के चलते शालाएं हैं बंद, पर ऑनलाईन शिक्षा शुरू
अमरावती/दि.2 – वर्ष 2021-22 के शैक्षणिक सत्र में विगत 28 जून से शालेय कामकाज शुरू हो गया है. किंतु कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए फिलहाल शालाओं में विद्यार्थियों की प्रत्यक्ष उपस्थिति नहीं है, लेकिन विद्यार्थियों की पढाई नियमित तौर पर शुरू रहने हेतु तमाम आवश्यक नियोजन करना शालाओं के लिए अनिवार्य है. इस हेतु ‘शाला बंद, पर पढाई शुरू’ कार्यक्रम अंतर्गत विगत शैक्षणिक सत्र में शुरू किये गये विविध उपक्रमों को इस वर्ष भी कायम रखा जाये और इस हेतु तमाम आवश्यक नियोजन सभी मुख्याध्यापकों व शिक्षकों द्वारा किया जाये. ऐसा आवाहन शिक्षा विभाग द्वारा किया गया है. जिसमें निर्देश दिया गया है कि, एंड्राईड मोबाईल फोन की सुविधा उपलब्ध नहीं रहनेवाले विद्यार्थियों की संख्या पता की जाये, ताकि ऐसे विद्यार्थियों तक किसी अन्य माध्यम से शालाओं में चल रही पढाई एवं शैक्षणिक उपक्रमों को पहुंचाया जा सके.
इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि, वाटसऍप, दीक्षा ऍप, दूरदर्शन व रेडिओ पर शैक्षणिक कार्यक्रमों का प्रसारण करते हुए विद्यार्थियों की पढाई अबाधित रूप से शुरू रहेगी. इस हेतु आवश्यक कदम उठाये जाये. साथ ही ऑनलाईन शिक्षा को लेकर सरकार द्वारा इससे पहले जारी किये गये निर्देशों के अनुरूप काम किया जाये.जिसके तहत विगत शैक्षणिक सत्र में शुरू किये गये शिक्षक मित्र उपक्रम को जारी सत्र में भी शुरू रखा जाये और ऑफलाईन शिक्षा हेतु संबंधित क्षेत्रों के उच्च शिक्षित व्यक्तियों व अभिभावकों को प्रवृत्त करते हुए उन्हेें शिक्षक मित्र बनाया जाये. साथ ही शाला के विद्यार्थियों को गांव के किसी योग्य स्थान पर कोविड-19 के प्रतिधात्मक नियमों का पालन करते हुए इकठ्ठा कर उन्हें पढाया जाये. इसके अलावा खुद शिक्षकों द्वारा भी शिक्षक मित्र के तौर पर काम किया जाये, ताकि जिला परिषद की शालाओंं में पढनेवाले गरीब तबके के बच्चों का कोई शैक्षणिक नुकसान न हो.
विविध नाविन्यपूर्ण उपक्रमों के जरिये विद्यार्थियों की पढाई जारी रखेंगे
उपरोक्त जानकारी देने के साथ ही जिला परिषद के प्राथमिक शिक्षाधिकारी ई. झेड. खान ने कहा कि, विविध नाविन्यपूर्ण उपक्रमों के जरिये विद्यार्थियों की पढाई कैसे शुरू रखी जा सकती है, इस बात के मद्देनजर सभी शिक्षकों व पर्यवेक्षकों द्वारा आवश्यक नियोजन करते हुए उस पर अमल किया जाये. साथ ही इस बात पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाये कि, किसी भी विद्यार्थी की पढाई बंद न हो. पर्यवेक्षकों द्वारा इस पर निगरानी व नियंत्रण रखा जाये और शिक्षक मित्रों की संख्या शिक्षाधिकारी कार्यालय को प्रस्तुत की जाये.