अमरावती

ताडोबा में बाघों की संख्या ‘ओवरफ्लो’

विदर्भ बना बाघों का ‘कॉरिडोर’, सुरक्षा खतरे में

  • वनविभाग कर रहा ट्रैप कैमरों से मॉनिटरींग

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२४ – व्याघ्र प्रकल्प से बाहर रहनेवाले आरक्षित जंगलों में स्थलांतरित बाघों द्वारा अपना कब्जा किया गया है. ऐसे में चंद्रपुर के ताडोबा वनक्षेत्र में बाघों की संख्या ओवरफ्लो हो गई है और अब ये बाघ चंद्रपुर से निकलकर यवतमाल पहुंच रहे है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, विदर्भ में बाघों ने खुद अपना कॉरीडोर तैयार कर लिया है. किंतु इसकी वजह से व्याघ्र प्रकल्प से बाहर निकलनेवाले बाघों की सुरक्षा खतरे में आ गई है. बता दें कि, इस समय विदर्भ में करीब 244 बाघ रहने की जानकारी है.
पता चला है कि, चंद्रपुर, भंडारा, गोंदिया, गडचिरोली व ब्रह्मपुरी इन क्षेत्रों में बाघों की संख्या काफी अधिक हो गई है और बाघों के लिए बफर झोन व कोअर एरिया अब कम पडने लगे है. जिसकी वजह से शिकार एवं अधिवास की खोज में अब बाघों द्वारा व्याघ्र प्रकल्प से बाहर निकला जा रहा है और पूर्वी विदर्भ में रहनेवाले बाघ अब यवतमाल के जंगलों तक पहुंच रहे है. वहीं दूसरी ओर पश्चिम विदर्भ के बुलडाणा स्थित ज्ञानगंगा तथा वाशिम, पांढरकवडा व यवतमाल के आरक्षित जंगलों में भी बाघों का अधिवास है. इसके अलावा मेलघाट से मोर्शी, वरूड व सालबर्डी होते हुए मध्यप्रदेश के जंगलों में बाघों का संचार बढ गया है. आरक्षित वनक्षेत्रों में भी बाघ रहने की जानकारी इससे पहले सामने आयी थी, जब दो वर्ष पूर्व बोर अभयारण्य से चांदूर रेल्वे के पोहरा-मालखेड जंगल में एक बाघ आ पहुंचा था. राज्य में कुल 6 व्याघ्र प्रकल्प है, जिसमें से अकेले विदर्भ में ही ताडोबा-अंधारी, नवेगांव-नागझिरा, मेलघाट, पेंच व बोर ऐसे पांच अभयारण्य है. वहीं अब चंद्रपुर से यवतमाल एमआयडीसी तक बाघों का कॉरिडोर भी बन गया है.

  • गडचिरोली के जंगलों में वन्यजीव व मानव संघर्ष नहीं

गडचिरोली के जंगलों में भी बाघ है. किंतु इस परिसर में नक्सलवादियों की मौजूदगी रहने के चलते वन्यजीव तस्कर इन जंगलों में जाना टालते है. अनुमान के मुताबिक गडचिरोली के जंगल में करीब 9 बाघ है, लेकिन यहां पर बाघों व इंसानों के बीच कोई संघर्ष नहीं होता.

व्याघ्र प्रकल्प के बाहर आरक्षित जंगल परिसर को टाईगर बेअरींग परिसर कहा जाता है. इस क्षेत्र में बाघ दिखाई देने पर ट्रैप कैमरों व वन कर्मचारियों द्वारा उस पर नजर रखी जाती है. इन दिनों विदर्भ क्षेत्र में बाघों की संख्या बढी है. साथ ही साथ उनका स्थलांतरण भी बढा है.
सुनील लिमये
प्रधान मुख्य वनसंरक्षक

  • विदर्भ में कहां कितने बाघ

अमरावती (मेलघाट) – 44
अकोला (काटेपूर्णा) – 05
बुलडाणा (ज्ञानगंगा) – 07
यवतमाल (आर्णी) – 05
पांढरकवडा – 10
वाशिम – 02
चंद्रपुर (ताडोबा-अंधारी) – 85
नागपुर – 12
टीपेश्वर – 25
गोंदिया – 10
भंडारा – 08
वर्धा (बोर) – 08
गडचिरोली – 09

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