अमरावती

राज्य के बाघों की संख्या बढ़ी या कम हुई?

भारतीय वन्यजीव संस्था करेगी विश्लेषण

नागपुर/दि.8-राज्य के विविध जंगलों के बाघों की संख्या की गिनती का काम वन विभाग द्वारा पूर्ण किया गया है. चार महीने की इस गिनती से राज्य के बाघों की संख्या में इस बार वृद्धि हुई है या कमी, यह आगामी कुछ दिनों में स्पष्ट होगा. वनविभाग द्वारा किए गए कामों का संपूर्ण डाटा भारतीय वन्यजीव संस्था को भेजा जाएगा. यह संस्था इस बारे में विश्लेषण करने के पश्चात बाघों की सही आकड़ेवारी सामने आएगी.
विगत चार महीनों से वन्यजीव एवं प्रादेशिक ऐसे दोनों जंगलों में वनकर्मचारी ही व्याघ्र गणना कर रहे हैं. एक-एक वन प्रदेश में 6 दिनों का सर्वेक्षण किया गया. सभी स्थानों पर यह काम पूरा हो गया है. अब कैमरा ट्रैप के द्वारा जंगलों में सर्वेक्षण जारी है. एक पूरे जंगल प्रदेश में 30 दिनों की कालावधि में यह काम किया जाता है. इस कैमेरा ट्रैप अभ्यास का काम भी आखिरी चरण में है.
वनविभाग को मिली जानकारी भारतीय वन्यजीव संस्था में भेजी जाएगी. वे इस संपूर्ण जानकारी का विश्लेषण करेगी. आकड़ा निश्चित किया जाएगा. इससे पूर्व ऐसा सर्वेक्षण 2018 में किया गया था. इस बार की गिनती दरमियान एम-स्ट्राइप समान तकनीकी ज्ञान का और अधिक इस्तेमाल किया गया. जंगलों के अधिक दुर्गम भाग में और बड़े परिसर में हम पहुंच सकेस जिसके चलते व्याघ्र संख्या ओर अन्य घटकों का अचूक विश्लेषण किया जा सकेगा. सर्वेक्षण की जानकारी एकत्रित रुप से प्रस्तुत करने का काम फिलहाल शुरु है, यह जानकारी राज्य के वन्यजीव विभाग के अधिकारी युवराज एस. ने दी.
* सर्वेक्षण के तीन चरण- बाघों की गिनती करने के लिए राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण द्वारा तरीका तय कर दिया है. जिसके अनुसार तीन चरणों में एक जंगल प्रदेश में अभ्यास किया जाता है. इसमें दो दिन ट्रन्झॅक्ट लाइन पर चलकर प्राणियों के निशान दर्ज किये जाते हैं. करीबन ढाई कि.मी. तक चलकर यह दर्ज किया जाता है. पश्चात मांसाहारी प्राणियों के प्रत्यक्ष सबूत पाये जाते हैं. शेष दो दिनों चयनीत जंगलों की वनस्पति का अभ्यास किया जाता है.

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