अमरावती

महिला, बालविकास की संख्यानुसार जानकारी

कुपोषण से 37 हजार 292 बालमृत्यु

मुंबई/ दि. 21– राज्य के आदिवासी बहुल 16 जिले में 2019-2023 इस 5 वर्ष के काल में 37 हजार 292 बालमृत्यु हुई है. कुपोषण की यह समस्या एक तरफ ही पडी है. 2023 में कोकण के 11 हजार 528 बालक तीव्र कुपोषणग्रस्त होेने की जानकारी सरकार की आकडेवारी से सामने आयी है. इसमें मुंबई के बच्चे भी शामिल होने का उजागर हुआ है.
महिला व बालकल्याण विभाग ने विधान परिषद में दी गई लिखित आकडेवारी में यह खतरनाक जानकारी सामने आयी है. राज्य के 16 आदिवासी बहुल जिले की स्वास्थ्य जांच की रिपोर्ट के अनुसार आदिवासी बालकों में कुपोषण और बालमृत्यु के प्रमाण चिंताजनक होने की बात सामने आयी है. आदिवासी बहुल जिले में कुपोषण के प्रमाण गंभीर होने पर शहर में कुपोषणग्रस्त बालक के प्रमाण दिखाई देने लगे है. कोकण के मुंबई, ठाणे, रायगड, रत्नागिरी, पालघर और सिंधुदुर्ग इन 6 जिले में बालकुपोषण की संख्या बढ गई है. ऐसा रिपोर्ट में दर्ज किया गया है.
इस वर्ष की रिपोर्ट के अनुसार 6 जिले में तीव्र कुपोषित 11 हजार 528 बालक दिखाई दिए है. विशेष रूप से मुंबई मेें कुपोषित बालक होने का रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है.
जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र की तरह ही शहर में भी नागरी बाल विकास केंद्र शुरू किए जाने के संबंध में राज्य सरकार विचार कर रही है. जिसमें आदिवासी बहुल जिले में 15 हजार 253 कुपोषित बालकों की माता का बालविवाह होने का सामने आया है.

* राज्य सरकार द्बारा प्रयास किए जायेंगे
एकात्मिक बालविकास सेवा योजना अंतर्गत 6 महिने से 3 वर्ष उम्रगुट के बालक व माताओं को टीएचआर व गरम ताजा आहार दिया जाता है. आदिवासी प्रकल्प में भारतरत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम अमृत आहार योजना शुरू है. इस योजना अंतर्गत गर्भवती महिला व स्तनदा माता को एक समय का चौरस आहार दिया जाता है व 6 माह से 1 वर्ष के बालक को सप्ताह में 4 दिन अंडे व केले दिए जाते है. 4 दिन में शाकाहारी बालक को प्रतिदिन 2 केले व मांसाहारी बालक को 1 अंडे दिए जाते है. राज्य के अतितीव्र कुपोषित बालको के लिए ग्राम बालविकास केंद्र शुरू किए गये है.

आदिवासी बहुल 16 जिले के बालमृत्यु की संख्या
9819 8990
2019-2020 2020-2021

9024 9459
2021-2022 2022-2023

Related Articles

Back to top button