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तमाम समस्याओं से जूझते हुए रूग्णसेवा को दे रही प्राथमिकता
अमरावती/दि.12 – मरीजों और परिचारिकाओं का रिश्ता काफी पुराना कहा जा सकता है और मरीजों की सेवा के व्रत को अधिपरिचारिकों यानी नर्सों की तरह कोई भी अन्य निभा नहीं सकता. कोरोना काल के दौरान भी नर्सों का यह व्रत खंडित नहीं हुआ है और मौजूदा दौर में कोविड संक्रमण का खतरा रहने के बावजूद करीब 300 नर्स फ्रंट लाईन पर मौजूद रहकर अपने कर्तव्य निभा रही है. उनकी विभिन्न मांगे सरकार के समक्ष प्रलंबित है और वे खूद कई समस्याओं से जूझ रही है. बावजूद इसके वे अपने कर्तव्य को बिना दिक्कत निभा रही है.
स्वास्थ्य विभाग के अख्तियार में आनेवाले जिला सामान्य अस्पताल, जिला स्त्री अस्पताल तथा विभागीय संदर्भ सेवा अस्पताल सहित सुपर कोविड अस्पताल में इस समय अलग-अलग शिफ्ट में 300 से अधिक अधिपरिचारिकों द्वारा काम किया जा रहा है और कोविड संक्रमण का जबर्दस्त खतरा रहने के बावजूद उनकी सेवा में किसी तरह का कोई खंड नहीं पडा है. बल्कि सभी नर्सों द्वारा पहले से अधिक जोश व उत्साह के साथ रूग्णसेवा की जा रही है.
इन दिनों कोविड संक्रमण का खतरा रहने के चलते परिचारिकाओं को दोहरी चुनौती का सामना करना पडता है. ड्यूटी पर तैनात रहते समय उनके द्वारा कोविड सहित विभिन्न बीमारियों से संक्रमित मरीजों की सेवा की जाती है. साथ ही ड्यूटी के पश्चात उन्हें अपने परिवार की ओर भी ध्यान देना होता है कि, कहीं उनके परिवार में कोई व्यक्ति इस संक्रमण की चपेट में न आ जाये. इसके अलावा कामकाज से संबंधित कई अन्य दिक्कतें भी होती है और कई मांगे लंबे समय से सरकार के समक्ष प्रलंबित पडी है. किंतु बावजूद इसके सभी नर्सों द्वारा अपना काम पूरे समर्पित भाव से किया जा रहा है. आज 12 मई विश्व परिचारिका दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इस दिवस के उपलक्ष्य में सभी अधिपरिचारिकों के कामों का गौरव करते हुए उनका सम्मान किया जाता है. दैनिक अमरावती मंडल भी मरीजोें की सेवा में समर्पित भाव के साथ काम करनेवाली सभी अधिपरिचारिकाओं को दिल से सलाम करता है.
- मरीजोें का इलाज करने में डॉक्टर की भूमिका तो महत्वपूर्ण होती ही है, किंतु सबसे अधिक जिम्मेदारी नर्सिंग स्टाफ की होती है. ऐसे में अधिपरिचारिकों को स्वास्थ्य विभाग का सबसे मजबूत आधार कहा जा सकता है, क्योंकि डॉक्टर द्वारा दिन में केवल एक या दो राउंड के दौरान ही मरीज को देखा जाता है. वहीं मरीज जब तक अस्पताल में भरती रहता है, तब तक पूरा समय उसकी देखभाल व दवाई-पानी की जिम्मेदारी नर्सिंग स्टाफ की होती है. ऐसे में विश्व अधिपरिचारिका दिवस पर नर्सिंग स्टाफ के कार्यों का पूरे विश्व में गौरव किया जाता है.
-डॉ. तुलसीदास भिलावेकर
विशेष कार्य अधिकारी, सुपर स्पेशालीटी हॉस्पिटल, अम. - यदि स्वास्थ्य व्यवस्था को पूरी तरह से मजबूत करना है, तो नर्सिंग स्टाफ के योगदान की अनदेखी नहीं की जा सकती. नर्सों द्वारा मरीजों के मन से बीमारी का भय निकाला जाता है और उनका समुपदेशन करते हुए उनके इलाज संबंधी तमाम देखभाल की जाती है. साथ ही उन्हें अपने परिवार को भी इस कोरोना काल में स्वस्थ व सुरक्षित रखने की ओर ध्यान देना पड रहा है. लेकिन अपने कार्य से मिलनेवाला समाधान सबसे अलग है.
– तेजस्विनी मेहरे
अधिपरिचारिका, अमरावती.