अमरावती

पोषण आहार से भी बिगड सकता है बच्चों का पेट

पोषाहार की गुणवत्ता जांचना जरुरी

* जिले में ढाई लाख से अधिक विद्यार्थी है लाभार्थी
अमरावती/दि.2- जिले की जिला परिषद व महानगरपालिका शालाओं में कक्षा 1ली से 5वीं और कक्षा 6 से 8वीं के विद्यार्थियों को सरकार की ओर से नि:शुल्क पोषण आहार दिया जाता है. पोषण आहार प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों की संख्या ढाई लाख से अधिक है और पोषण आहार को लेकर कई बार शिकायतें सामने आती है. जिसके मद्देनजर पोषण आहार की अलग-अलग स्तरों पर जांच पडताल करना जरुरी होता है. जिला परिषद के अधिक्षक स्तर के अधिकारियों व्दारा अलग-अलग मानकों पर पोषण आहार की जांच करते हुए अपनी रिपोर्ट तैयार की जाती है. साथ ही प्रति सप्ताह कम से कम एक बार पोषण आहार की जांच करना जरुरी होता है. वहीं पोषण आहार को लेकर किसी भी तरह की शिकायत होने पर विद्यार्थियों के अभिभावकों व्दारा स्कूल के मुख्याध्यापक से संपर्क करते हुए, अपनी शिकायत दर्ज कराई जा सकती हैं.
उल्लेखनीय है कि इसके पहले पोषाहार की गुणवत्ता को लेकर कई तरह की शिकायतें सामने आ चुकी है और गुणवत्ता ही न व खराब पोषाहार की वजह से कुछ शालेय विद्यार्थियों के पेट खराब होने के मामले में सामने आए है. ऐसे में विद्यार्थियों को दिए जाने वाले पोषाहार की समय-समय पर जांच पडताल करना बेहद जरुरी है.

* 2,46,456 विद्यार्थियों को शालेय पोषाहार
जिला परिषद सहित अन्य ऐसे कुल 2388 शालाओं में पढनेवाले 2 लाख 46 हजार 456 विद्यार्थियों को शालेय पोषाहार दिया जाता है. जिनमें कक्षा 1ली से 8वीं तक के विद्यार्थियों का समावेश है.

* क्या मिलता है पोषाहार में
रोजाना विद्यार्थियों को पोषाहार में क्या दिया जाए, इसे लेकर समयसारणी ही तय की गई है. जिसके अनुसार चावल व मूंगदाल की खिचडी, चावल व वटाना उसल, भाजी, आमटी, तुअर की दाल व चावल, पूरक आहार, सोया बिस्किट, दूध, चिक्की, राजगिरे का लड्डू, गुड व फल्लीदाने आदि प्रदान किए जाते हैं.

* पोषण आहार की नियमित जांच जरुरी
पोषण आहार की गुणवत्ता योग्य है अथवा नहीं, इसकी समय-समय पर जांच की जाती है. अधीक्षक स्तर के अधिकारी सीधे शालाओं मे जाकर जांच करते हैं.

* कहां करें शिकायत
पोषण आहार को लेकर कोई शिकायत रहने पर शाला के मुख्याध्यापक, गट शिक्षा अधिकारी व तहसील स्तर पर रहने वाले अधीक्षक अधिकारी के पास शिकायत दर्ज करायी जा सकती है.

शालेय पोषाहार की गुणवत्ता जांच हेतु जिला स्तरीय पथक व तहसील पथक के जरिए जांच की जाती है. जिन स्थानों पर पोषाहार की गुणवत्ता योग्य नहीं पाई जाती वहां संबंधितों को नोटिस देने के साथ ही कार्रवाई भी प्रस्तावित की जाती है.
– प्रिया देशमुख,
प्राथमिक शिक्षाधिकारी, जिप अमरावती

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