खामगांव प्रतिनिधि/दि.16 – बाजारों में अवैध रुप से बिकने वाला मांजे की अब ऑनलाइन बिक्री भी हो रही है, लेकिन पर्यावरण प्रेमी इस ओर अभी भी चुप्पी साधे नजर आ रहे है. पंछियों, लोगों के गले कटने के बाद मांजे की खरीदी बिक्री पर रोक लगेगी क्या? यही सवाल अब उठने लगे है. मांजे से पंछियों की जाने जा रही है, इसलिए मांजे पर पूरी तरह से पाबंदी लाने की मांग अब जोर पकडते जा रही है.
यहां बता दें कि प्रशासन की ओर से नायलॉन मांजे पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई है. इसके बावजूद भी नायलॉन मांजा बाजार में उपलब्ध हो रहा है. प्रशासन की अनदेखी के चलते मांजे की धडल्ले से अवैध रुप से बिक्री हो रही है. मांजा बाजार में उपलब्ध न हो इसके लिए कडे कदम नहीं उठाये जा रहे है. ग्राहक भी नायलॉन मांजे को लेकर सजग नहीं रहने से वे मांजे की डिमांड विक्रेताओं से करते है और विक्रेता भी पैसे कमाने के लिए मांजा उपलब्ध करवाते है.
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केवल जब्ती की कार्रवाई
केवल मांजे से दूसरों को चोट अथवा नुकसान हो रहा हो तो संबंधितों पर आर्थिक दंड करने का प्रावधान है. वहीं किसी की मौत होने पर मनुष्य वध का अपराध दर्ज करने का प्रावधान किया गया है, लेकिन तीक्ष्ण हत्यारों के समान रहने वाले मांजे की बिक्री करने वाले विक्रेताओं पर केवल सामग्री जब्ती की ही कार्रवाई की जा रही है.