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ओबीसी समाज का कलेक्टे्रट पर शुरू हुआ धरना आंदोलन

विभिन्न प्रलंबित मांगों को लेकर सौंपा जिलाधीश को निवेदन

अमरावती/दि.7– अपनी विभिन्न प्रलंबित मांगों को लेकर ओबीसी जनमोर्चा द्वारा आज राज्यव्यापी तीन दिवसीय धरना आंदोलन की शुरूआत की गई. जिसके तहत संगठन की स्थानीय शाखा द्वारा स्थानीय जिलाधीश कार्यालय के समक्ष धरना आंदोलन करते हुए जिलाधीश पवनीत कौर के जरिये राज्य सरकार को अपनी प्रलंबीत मांगों का ज्ञापन सौंपा गया.
इस ज्ञापन में मांग की गई कि, विधानसभा के प्रस्ताव अनुसार राज्यस्तर पर जाति निहाय जनगणना करने हेतु कार्रवाई की जाये तथा इसके लिए वर्ष 2022-23 के बजट में आर्थिक प्रावधान भी किये जाये. इसके अलावा पिछडावर्गीय आयोग में इम्पिरिकल डेटा संकलित करने के काम हेतु विशेषज्ञ, समाजशास्त्रज्ञ व संख्याशास्त्रज्ञ की नियुक्ति करते हुए स्वतंत्र व समर्पित आयोग नियुक्त किया जाये. साथ ही सारथी व बार्टी की तरह ओबीसी समाज के विद्यार्थियों को सभी सेवाएं व सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु स्वतंत्र व पूर्णकालिक अध्यक्ष दिया जाये और महाज्योत अभियान का काम पूरी क्षमता के साथ करने हेतु सरकार द्वारा योग्य व आवश्यक कदम उठाये जायें. ओबीसी समाज के विद्यार्थियों हेतु स्वतंत्र छात्रावास त्वरित शुरू किये जाये और उच्च शिक्षा लेनेवाले विद्यार्थियों हेतु स्वाधार योजना की तर्ज पर योजना शुरू की जाये. इसके अलावा महाराष्ट्र राज्य अन्य पिछडावर्गीय वित्त व विकास महामंडल, श्यामराव केजे अन्य पिछडावर्गीय आर्थिक महामंडल, वसंतराव नाईक विमुक्त जाति व भटक्या जनजाति आर्थिक महामंडल तथा अहिल्यादेवी शेळी-मेंढी विकास महामंडल आदि महामंडलों के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति तुरंत की जाये. इस आंदोलन में संगठन के प्रदेश महासचिव प्रवीण मेटकर सहित संजय वाघुले, संजय घावले, श्रीप्रभू पवार, अतुल खासबागे, डी. एस. पवार, प्रा. रूपेश फसाटे, नंदू सहारे, ओंकार राउत, विजय वाघमारे, प्रा. प्रकाश देवतले, प्रा. विवेक कडू, शहा कय्युम शहा आदि पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे.

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