अमरावती/ दि.28 – महाराष्ट्र शासन ने ओबीसी के साथ शुरु किया दुजाभाव बंद करे, समाज के सुशिक्षित बेरोजगार लोगों को उद्योग व्यवसाय में अवसर उपलब्ध कराकर उनके उत्थान के लिए संवैधानिक मार्ग से स्थापित किये गए महाज्योति मंडल के लिए हाल ही में विधान मंडल के बजट में सूचित की गई निधि के अनुसार नियोजन न करते हुए केवल 12 प्रतिशत इतनी कम निधि का नियोजन कर शिंदे-फडणवीस सरकार ने ओबीसी समाज की अवहेलना की है. ओबीसी समाज पर हो रहा अन्याय बंद किया जाए, ऐसी मांग को लेकर जिला मराठा महासंघ ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा.
सौंपे ज्ञापन में उन्होंने कहा है कि, महायुती मंडल ने 450 करोड रुपए नियोजन की सूचना दी थी, परंतु केवल 55 करोड रुपए का नियोजन किया है. इस 55 करोड रुपए में पूरे महाराष्ट्र के ओबीसी समाज को सही मायने में व्यवसाय प्राप्त हो सकता है क्या? शासन ने बेरोजगारी निराकरण करने के बारे मे मजाक करना बंद कर बेरोजगार के लिए तेज गति से कदम उठाना जरुरी है. ओबीसी समाज को न्याय दे, बेरोजगारों में असंतोष उफान मारे, इससे पहले कम से कम 300 करोड रुपए का नियोजन किया जाए जैसी अन्य मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपते समय जिला मराठा महासंघ के अध्यक्ष सुधाकर टाले, कार्याध्यक्ष भालचंद्र घोंगडे, महासचिव सुनील दिवान, कोषाध्यक्ष अशोक इंगले, सपना दाते, एस. एफ. ठाकरे समेत अन्य सदस्य उपस्थित थे.