मनपा के आउटसोर्सिंग ठेके पर आई आपत्ति
जानकी सुशिक्षित बेरोजगार नागरी सेवा सह. संस्था ने उठाया आक्षेप
* मनपा आयुक्त आष्टीकर को लिखा पत्र
* मामला जा सकता है अदालत में
अमरावती/दि.11- गत रोज ही मनपा में कुशल व अकुशल मनुष्यबल के ठेके पर नियुक्ति करने के काम का जिम्मा अमरावती नागरी सेवा सहकारी संस्था को दिए जाने की बात सामने आई और इसके साथ ही इस बात की संभावना भी जताई जाने लगी. यद्यपि यह ठेका पूरी निविदा प्रक्रिया को ऑनलाइन तरीके से पूर्ण करने के पश्चात दिया गया हैं. लेकिन ठेका प्राप्त निविदा धारक का नाम सामने आते ही इस बात को लेकर संभावनाएं जताई जाने लगी है कि, प्रतिस्पर्धा में रहने वाली अन्य संस्थाओं या कंपनियों में से किसी न किसी के व्दारा इस ठेका आवंटन को चुनौती दी जा सकती हैैं और यह मामला अदालत में भी जा सकता हैं, यह आशंका गत रोज ही उस समय पूरी तरह से सही साबित हुई, जब जानकी सुशिक्षित बेरोजगार नागरी सेवा सहकारी संस्था ने इस निविदा प्रक्रिया पर अपनी आपत्ति जताई हैं. साथ ही अमरावती नागरी सेवा सहकारी संस्था को 3 वर्ष के लिए आउटसोर्सिंग के काम का ठेका दिए जाने को लेकर आपत्ति जताते हुए, इस मामले को लेकर अदालत में गुहार लगाए जाने की बात भी कही.
जानकारी के मुताबिक जानकी सुशिक्षित बेराजगार नागरी सेवा सहकारी संस्था के सचिव धनजंय जर्नादन बोंडे ने मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टीकर को सौंपे गए अपने आपत्ति पत्र में कहा है कि, ई-निविदा सूचना 19/8/2022 अमरावती महानगरपालिका निविदा शर्त क्रमांक 8 के अनुसार आर्थिक लिफाफा क्रमांक 2 के प्रारुप की शर्त क्रमांक 7 के अनुसार 1 फीसद सर्विस चार्ज व 18 फीसद जीएसटी का कुल योग 1 फीसद से कम और रकम से कम सर्विस चार्ज नहीं होना चाहिए, साथ ही व पूर्णाकं में होना चाहिए. ऐसी मनपा की साफ-साफ शर्त हैं, लेकिन ऐसा रहने के बावजूद 85 पैसे सर्विस चार्ज व 18 फीसद से कम यानी 15 पैसे जीएसटी ऐसे कुल 1 फीसद से कम यानी अपूर्णांक में सर्विस चार्ज डालने वाली संस्था को मनपा व्दारा आउटसोसिर्ंग के काम का ठेका दिए जाने की जानकारी हैं. ऐसे में इस आपत्तिजनक निविदा की जांच करते हुए योग्य निर्णय लिया जाए. इस आपत्ति पत्र के साथ ही धनजंय बोंडे ने न्यायालयीन निर्णय की प्रतिलिपी भी जोडी है और साफ तौर पर यह भी कहा है कि, यदि महानगरपालिका व्दारा इस निविदा को तुरंत रद्द नहीं किया जाता है, तो जानकी सुशिक्षित बेरोजगार नागरी सेवा सहकारी संस्था व्दारा इस मामले को लेकर अदालत में गुहार लगाई जाएगी. यानी अब इस मामले को लेकर अदालतीय लडाई शुरु होने के पूरे आसार दिखाई दे रहे हैं.
बता दें कि मनपा व्दारा 3 वर्ष के लिए 29 करोड रुपए के आउटसोर्सिंग ठेके की निविदा जाहिर की गई हैं. जिसके लिए कुल 93 कंपनियां स्पर्धा में थी और टेक्निकल बीड की प्रक्रिया के बाद 10 कंपनियां स्पर्धा में शेष रही. जिसमें से फाइनेन्शियल बीड के लिए 3 कंपनियों को पात्र माना गया. जिसके पश्चात सरकारी जेम पोर्टल पर गत रोज अमरावती नागरी सेवा सहकारी संस्था को लोएस्ट-1 यानी एल-1 श्रेणी में रखते हुए इस संस्था को ठेका दिए जाने को लेकर मुहर लगाई गई. लेकिन इसके साथ ही फाइनेन्शियल बीड के दौरान स्पर्धा मे रहने वाले अन्य कंपनियों व्दारा इसे लेकर आपत्ति व आक्षेप जताए जाने की संभावनाएं शुरु हो गई हैं जो अब सच साबित होती दिखाई दे रही हैं.