अमरावती

शिवाजी शिक्षा संस्था में प्रगती विरुद्ध विकस पैनल का आमना-सामना

आजीवन सभासद तय करेंगे ठाकरे ‘शाही’ या देशमुख ‘राज’

अमरावती/दि.23 – श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के पंचवार्षिक चुनाव की तैयारियां शुरु हो गई है. आगामी सितंबर में संस्था के चुनाव प्रस्तावित है. इस चुनाव की ओर समूचे राज्य का ध्यान रहता है. चुनाव के लिए विकास व प्रगती ऐसे 2 पैनलों की घोषणा हुई है. इन 2 पैनलों में आमने-सामने की भिंडत रंगेगी. विगत 5 वर्ष तक एक ही कार्यकारिणी में काम करने वाले नेता अबकी बार आमने-सामने है. संस्था के विद्यमान अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख तथा उपाध्यक्ष नरेशचंद्र ठाकरे में इस बार चुनावी घमासान रंगेगा. विकास पैनल का नेतृत्व नरेशचंद्र ठाकरे कर रहे है, तो प्रगती पैनल का नेतृत्व हर्षवर्धन देशमुख के पास है. ऐसे में बाजी कौन मारेगा, यह संस्था के आजीवन सभासदों पर निर्भर है.
देश के प्रथम कृषि मंत्री डॉ. पंजाबराव उर्फ भाउसाहब देशमुख द्बारा स्थापित शिवाजी संस्था अब शिव परिवार के रुप में उभरी है. अमरावती, अकोला, बुलढाणा, वर्धा, वाशिम, नागपुर इन जिलों में संस्था के वैद्यकीय, अभियांत्रिकी, विधि महाविद्यालय व स्कूलें है. शिवाजी संस्था की संस्थापक घटना भी अलग है. आजीवन सभासदों में से पंचवार्षिक कार्यकारिणी के लिए एक अध्यक्ष, 3 उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष व 4 कार्यकारिणी सदस्य के लिए चुनाव कराया जाता है. वैसे तो शिवाजी संस्था के आजीवन सभासद एक-दूसरे के परिचित या परिजन है. लेकिन अबकी बार यह चुनाव अलग मोड पर जाने के संकेत मिल रहे है. ठाकरे विरुद्ध देशमुख ऐसी आमने-सामने की भिंडत अबकी बार चुनाव में होगी. दोनों पैनलों का राजकीय अस्थित्व अमरावती में रहने वाले सर्वाधिक सभासदों पर निर्भर है. जिससे अबकी बार शिवाजी संस्था पर किसका वर्चस्व रहेगा, यह चुनावी प्रक्रिया शुरु होने के बाद पता चलेगा.

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