अमरावती

2.74 करोड के डिपॉझिट घोटाले पर अधिकारी मौन

एक अभियंता पर कार्रवाई, 4 को अभय

अमरावती/दि.30 – जिला परिषद में 2 महिने पहले 2 करोड 74 लाख रुपयों का डिपॉझिट घोटाला सामने आया. इस पर सीईओ ने जांच समिति का गठन किया. इस प्रक्रिया दौरान एक शाखा अभियंता की रिपोर्ट प्राप्त होते ही उस पर निलंबन कार्रवाई की गई. लेकिन उसके बाद एक महिने का समय बित जाने के बावजूद भी अन्य 4 अधिकारियों पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो पायी है. इतना ही नहीं तो संबंधित चार लोगों की रिपोर्ट भी सीईओ के पास आयी नहीं है. जिससे इस मामले की जांच करने वाले समिति पर शक की सुई घूम रही है. संबंधित 4 कर्मचारियों को नियोजनबद्ध रुप से अभय दिया जा रहा है. यह चर्चा जिला परिषद में है.
जिला परिषद के निर्माण विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों ने ठेकेदारों से अतिरिक्त डिपॉझिट मामले में जिला परिषद के एक शाखा अभियंता पर निलंबन कार्रवाई की. लेकिन अन्य 4 लोगों की रिपोर्ट अब तक भी सीईओ के समक्ष पेश नहीं किये. इस मामले पर समिति प्रमुख तथा जिला परिषद के उपमुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीराम कुलकर्णी कुछ भी बताने से बच रहे है. जिला परिषद के किसी भी प्रकार के निर्माण में ठेकेदारों को ठेका देने से पहले उनसे अतिरिक्त सुरक्षा रकम डिपॉझिट के रुप में जमा कर ली गई थी. वहीं बिलों के काम जारी करने से पहले बिलों की तुलना में डिपॉझिट निर्माण विभाग मेें जमा कराना पडता है. यह जमा डिपॉझिट तय समयावधि में बैंक में जमा करना बंधनकारक है. संबंधित रकम डीडी के रुप में स्विकारने का नियम है. लेकिन जिला परिषद के निर्माण विभाग में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों ने ठेकेदारों से किसी भी प्रकार के डीडी नहीं स्विकारी. कुछ ठेकेदारों से औपचारिक रुप से डीडी लेकर उन्हें वापिस लौटा दिये व बैंक में किसी भी प्रकार का डीडी जमा नहीं किया गया. यह मामला तत्कालीन जिप अध्यक्ष बबलू देशमुख के ध्यान में आते ही उन्होंने निर्माण विभाग के अधिकारियों को रडार पर लेकर जांच समिति का गठन किया. उपमुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीराम कुलकर्णी की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन कर तत्कालीन कार्यकारी अभियंता समेत पांच लोगों को नोटीस जारी कर खुलासा मांगा गया. इनमें से एक शाखा अभियंता का खुलासा प्राप्त होते ही उस पर 3 मार्च को निलंबन की कार्रवाई की गई. लेकिन इसी मामले के अन्य 4 लोगों में अब तक किसी भी प्रकार का खुलासा दिया नहीं है. इस मामले में संबंधित जांच समिति द्बारा भी किसी भी प्रकार की जांच नहीं की जा रही है. जिससे इस मामले को दबाने की कोशिश शुरु रहने की चर्चा जिप गलियारे में शुरु है.

* जांच अधिकारियों से चर्चा करेंगे
इस मामले पर जिला परिषद के सीईओ अविश्यांत पंडा से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि, डिपॉझिट घोटाला मामले की जांच अतिरिक्त सीईओ श्रीराम कुलकर्णी को सौंपी गई थी. उनमें से एक शाखा अभियंता की रिपोर्ट प्राप्त होते ही उस पर निलंबन की कार्रवाई की गई. लेकिन उसके बाद जांच समिति ने किसी का भी खुलासा या रिपोर्ट पेश नहीं की. जिससे इस मामले में आगे की कार्रवाई नहीं हो पाई है. इसलिए अब जांच समिति के अधिकारियों से चर्चा कर जल्द से जल्द रिपोर्ट मांगा जाएंगा.

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