अमरावती

सीईओ के साथ अफसर-कर्मियों ने लगाई झाडू

झेडपी स्वास्थ्य विभाग ने दिया स्वच्छता का संदेश

अमरावती/दि.14 – ग्रामीण तथा आदिवासी क्षेत्र की जनता के स्वास्थ्य देखभाल जिला परिषद के माध्यम से की जाती है. विभाग ने 28 दिसंबर से 10 जनवरी के दौरान जिले के सभी कार्यालयों में सफाई अभियान चलाया. स्वच्छ प्रशासन अभियान अंतर्गत मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमोल येडगे ने स्वयंस्फूर्ति से झाडू लेकर सफाई करते हुए अपने-अपने परिसरों को स्वच्छ रखने का संदेश दिया. जिला परिषद के सभी अधिकारी व कर्मचारियों ने भी जिला परिषद इमारत व परिसर स्वच्छ करने का प्रयास किया.
स्वच्छता अभियान के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग व अन्य विभागों में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों को मानवी जीवन में स्वच्छता का महत्व समझे, इसलिए कार्यालय में स्वच्छता अभियान चलाया गया. कार्यालय सभी के लिए पूजनीय स्थान होता है. ऐसा संदेश सीईओ अमोल येडगे ने दिया. कोरोना महामारी में सभी के लिए स्वच्छता महत्वपूर्ण है. कार्यालय अपना एक घर होता है. दैनंदिन जीवन में अधिकांश समय कार्यालयों में ही बीत जाता है. इसलिए अपनी वास्तु स्वच्छ, निर्मल व आनंददायी तथा निरोगी होना जरुरी है. स्वच्छता का संदेश संपूर्ण जिले में देने तथा स्वच्छता को लेकर उत्साह निर्माण करना समय की जरुरत है. ऐसे अभियान से अधिकारी व कर्मियों को कार्यालयीन काम करने के लिए सकारात्मक उर्जा मिलती है. समाज हित तथा विधायक काम करने के लिए भी ऐसे अभियान से प्रेरणा मिलती है.
इस अभियान अंतर्गत कुल 17 मुद्दों पर कार्य करने के दृष्टिकोण से लक्ष्य केंद्रित किया गया है, अभिलेख वर्गीकरण, निर्लेखन, कार्यालयीन स्वच्छता व सुव्यवस्था, प्रलंबित प्रकरण का निपटारा करने, पदोन्नति प्रकरण आदि कर्मचारी हित के विषयों पर जोर दिया गया है. प्रशासन कर्मचारियों के हित के साथ ही स्वास्थ्य की देखभाल भी इस मुहिम के माध्यम से करेगा. जिला परिषद स्वास्थ्य विभाग के शत-प्रतिशत कर्मियों ने हाथों में झाडू लेकर सफाई की जिसमें जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिलीप रणमले के मार्गदर्शन में संपूर्ण विभाग का कार्यालय, इमारत व परिसर स्वच्छ करने की जिम्मेदारी वैद्यकीय अधिकारी डॉ. रेवती साबले, डॉ. विनोद करंजेकर, सुभाष सिडाम, गजानन कोरडे, गजानन सुने, वारकरी, सातपुते, लव्हाले, वानखडे, शिरसाठ आदि ने पूर्ण की.
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिलीप रणमले ने कहा कि, दिन ब दिन बढता जा रहा प्रदूषण मानव शरीर के लिए हानिकारण है. इससे भी घातक धूल है. गर्भवती माताएं, बच्चे व बुजुर्गों पर इसका विपरीत परिणाम होता है. धूल के कण कान में जाने पर श्रवण क्षमता पर सीधे परिणाम होता है. परिणाम तुरंत नहीं पहुंचा तो भी समय के बाद इसका असर दिखाई दे रहा है. स्वच्छता की प्रक्रिया निरंतर है. प्रत्येक व्यक्ति ने इसे अपनाना चाहिए.

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