अमरावती

महावितरण के निजीकरण का अधिकारी-कर्मचारियों ने किया कडा विरोध

विद्युत कार्यालय के सामने जोरदार नारेबाजी करते हुए किया प्रदर्शन

* 23 को नागपुर के विधानभवन पर निकालेंगे मोर्चा
अमरावती/दि.15- महाराष्ट्र बिजली विभाग के बढते निजीकरण के विरोध में विद्युत विभाग कार्यालय के सामने बुधवार की शाम महावितरण के विविध संगठन, मुख्य अधिकारी, कर्मचारी और अभियंता संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए तीव्र प्रदर्शन किया. 12 दिसंबर से शुरु हुआ यह आंदोलन 18 जनवरी तक चलने वाला हैं. इस दौरान बेमियादी अनशन भी किया जाने वाला है. साथ ही 23 दिसंबर को नागपुर विधानभवन पर मोर्चा भी निकाला जाएगा.
अदानी इलेक्ट्रीकल कंपनी ने राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में बिजली कंपनी को समांतर स्थापित कर, गडगंज में 1 हजार करोड रुपए से अधिक राजस्व प्राप्त करने वाला मुंबई, पनवेल, उरन, ठाणे, मुलुंड, तलोजा जैसे 5 लाख बिजली ग्राहक वाला क्षेत्र महावितरण की जगह अदानी इलेक्ट्रीकल कंपनी को हस्तांतरित करने के लिए महाराष्ट्र राज्य बिजली नियामक आयोग के पास आवेदन किया हैं. विशेष तौर पर जिस कंपनी व्दारा 2021-22 में 121 करोड रुपए की आय किए जाने के बावजूद उसका निजीकरण करना काफी खेदजनक हैं. सरकार की इस नीति के विरोध में संघर्ष समिति के विविध संगठनों ने तीव्र आंदोलन शुरु कर दिया हैं. बुधवार को शहर के विद्युतभवन के सामने सभा लेकर आंदोलन किया गया. बताया जाता है कि संघर्ष समिति में शामिल किस संगठनों व्दारा 12 दिसंबर से 18 जनवरी तक विविध चरणों में आंदोलन किए जा रहे हैं. बुधवार 14 दिसंबर को सांसद, विधायक, जिला परिषद, नगर परिषद, पंचायत समिति, ग्रामपंचायत सदस्य, सामाजिक संगठन, ग्राहक संगठन, किसान संगठन, कामगार संगठन आदि को ज्ञापन सौंपकर सभा ली गई और बेमियादी अनशन की चेतावनी दी गई हैं. गुरुवार की शाम स्थानीय विद्युत भवन के सामने किए गए प्रदर्शन में नितिन वाटाणे, हेमंत म्हस्करे, नितिन गांवफडे, चेतन कडू, राजपाल गेडाम, अमूल काकडे, मुकेश मालेगांवकर, मंगल ठाकुर, मनीष परकडे, राजपाल गेडाम, अमोल काकडे, विपीन राहते, संजय नन्नावरे, विनोद गोरले, सुनील बावनकर सहित महिला-पुरुष कर्मचारी बडी संख्या में उपस्थित थे.

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