* बनाए हैं अल्पायु में कीर्तिमान
अमरावती/ दि. 2-तबला वादन और शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में अल्पायु में कीर्तिमान रचनेवाले ओजस अढिया का हाल ही में अमरावती पधारने पर संगीत प्रेमी और रघुवीर मिठाईयां के निदेशक चंद्रकांत भाई पोपट ने स्नेहिल स्वागत किया. इस समय सुरेश वसानी और अन्य उपस्थित थे. रघुवीर की प्रसिध्द मिठाइयां उपहार में दी. ओजस अढिया अंबादेवी संगीत सेवा समारोह में प्रस्तुति देने पधारे थे. उन्होेंने तबला वादन में कई पुरस्कार जीते हैं.
* ओजस का जन्म तबला के लिए !
मूलरूप से अकोट में जन्में ओजस अढिया ने आज मुकाम हासिल किया है. वे अब मुंबई में रहते हैं. ओजस अढीया ने 1993 में भारत के सबसे कम उम्र के तबला वादक के रूप में रिकॉर्ड बुक में प्रवेश किया. जब वह केवल 6 महीने के थे तो वह अपनी मां की गोद से उतर जाते और जहां भी उन्हें तबला मिलता थाा, रेंगकर वहां चले जाते थे. अनुभव बताते हुए ओजस हंसते हुए कहते हैं. ैं आप कह सकते हैं कि मैं तबला बजाने के लिए ही पैदा हुआ था. मैेने चार साल की उम्र से पहले ही परफॉर्म करना शुरू कर दिया था. इसे ध्यान में रखते हुए मेरे पिता ने मुझे सिखाया, मुझे मशहूर संगीतकार कल्याणजी- आनंदजी वह देखरेख में रखा गया.
कल्याणजी का यूथ टैलेंट
एक बार कल्याणजी ने मेरा वादन सुना और उन्हें तुरंत अपने युवा प्रतिभाओं के समूह में मुझे शामिल कर लिया. मुझे एक बडे पैमाने पर दौरे करने पडे और सैकडो मैफिलों में प्रदर्शन करने का मौका मिला, यह जीवन बदलनेवाला अनुभव था. उसके बाद मेरी पहचान मृदंगराज जी से हुई जो मेरे गुरू बन गये. उन्होंने ही सुझाव दिया कि मैं अपनी प्रतिभा को पूरा न्याय देने के लिए मुंबई जाउ. पंडित शिवकुमार शर्मा और पंडित सतीश व्यास से लेकर अनूप जलोटा और पंडित हरिप्रसाद चौरसिया तक उन्होेने भारत के लगभग सभी महान कलाकारों के साथ प्रदर्शन किया है. ओजस कहते हैं. मैं भाग्यशाली हूं. मैं उस्ताद रईस खान के साथ अनुभव को कभी नहीं भूलूंगा. मुझे पुरूषोत्तम उपाध्याय के साथ गाने में मजा आया.