अमरावती

पुराने कंटेनर सडकर हो रहे खराब, नये कंटेनर अटके है फाइल में

ठेकेदार फाइनल होने के बावजूद 6 माह से नहीं हो पा रहा करारनामा

अमरावती/दि.8 – शहर के विभिन्न रिहायशी इलाकों से निकलने वाले कचरे को संकलित करने के लिए 6-7 वर्ष पहले खरीदे गए कंटेनर अब सडकर खराब हो चुके है. साथ ही कई कंटेनरों का लोहा सडकर उनमें बडे-बडे छेद बन गए है. जिसके चलते तत्कालीन आयुक्त ने 300 नये कंटेनर खरीदने का प्रस्ताव जिला नियोजन समिति को दिया है. जिस पर मुहर लगकर कंटेनर खरीदने के लिए महानगरपालिका हेतु 2 करोड 1 लाख 80 हजार रुपए मंजूर हुए. जिसके बाद 300 नये कंटेनर की खरीदी हेतु महानगरपालिका ने 9 मार्च को निविदा भी बुलाई और निविदा प्रक्रिया के पश्चात ठेकेदार भी फाइनल हो गए. परंतु इस बात को 6 माह का समय बीत जाने के बावजूद भी अब तक मनपा का ठेकेदार के साथ करारनामा नहीं हुआ है. जिसके चलते 300 कंटेनरों की आपूर्ति का मामला फाइलों में ही अटका पडा है.
बता दें कि, शहर के रिहायशी इलाकों में घरों से निकलने वाले कचरे को घंटा गाडियों के जरिए संकलित किया जाता है और इस कचरे को लाकर कचरा कंटेनर में डाला जाता है. यद्यपि कचरा कंटेनरों में गिला व सुखा कचरा अलग-अलग डालने के निर्देश है. परंतु दोनों ही तरह का कचरा एक साथ ही डाल दिया जाता है. ऐसे में ज्यादातर कंटेनर कचरे व पानी की वजह से सडकर खराब हो चुके है और एक कंटेनरों में बडे-बडे छेद भी बन गए है. जिसके चलते नये कंटेनर खरीदने हेतु निविदा प्रक्रिया शुरु करते हुए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए तथा विगत मार्च माह में ही नये ठेकेदार का नाम भी तय हो गया. लेकिन इसके बावजूद यह मामला अधर में ही लटका पडा है. वहीं 1 जुलाई के बाद महानगरपालिका में ‘नया गडी नया राज’ शुरु होने के बावजूद कचरा कंटेनर से संबंधित फाइल मनपा आयुक्त के कक्ष में धुल खाती पडी है.
* कंटेनर नहीं रहने से कचरा सडकों पर
घंटा गाडी से लाया गया कचरा कुछ मजदूरों द्बारा ही खाली किया जाता है और घंटा गाडी को कंटेनर के पास लाकर खाली कर लिया जाता है. ज्यादा तर समय घंटा गाडी को कंटेनर में सीधे खाली नहीं किया जाता. ऐसे में कंटेनर के आसपास ही कचरा पडा रहता है, जो आवारा घूमने वाले कुत्तों व सुअरों की वजह से इधर-उधर फैलने के साथ ही सडक पर ही आ जाता है. जिसके चलते शहर में जगह-जगह गंदगी व कचरा दिखाई देते है.
* 9 मार्च को हुआ था टेंडर
जिला नियोजन समिति (नगरोत्थान) की निधी से शहर में कचरा संकलन हेतु 300 नये कचरा कंटेनर लेने के लिए मनपा के निर्माण विभाग में निविदा जारी की थी. जिसके लिए प्रति कंटेनर 66 हजार 266 रुपए की कीमत तय की गई थी. पश्चात अप्रैल माह के दौरान आपूर्तिकर्ता ठेकेदार का नाम भी तय किया गया और संबंधित ठेकेदार को करारनामे के लिए आमंंत्रित भी किया गया. लेकिन अब अगस्त महिना शुरु हो चुका है और अब तक न तो करार नामा हुआ है और न ही वर्क ऑडर जारी हो पाता है.
* 6 वर्ष पहले खरीदे गए थे कंटेनर
वर्ष 2016 में 250 लोखंडी कचरा कंटेनर खरीदे गए थे. जो अब सडकर खराब हो चुके है. ऐसे कई कंटेनरों की इसे पहले दुरुस्ती भी की गई. लेकिन इसके बावजूद अब कई कंटेनर कबाड वाली स्थिति में पहुंच गए. ऐसे कंटेनरों में जमा कचरे को उठाते समय कंटेनर में रहने वाले छेदों में से कचरा और गंदा पानी बाहर गिरता है. जिसकी वजह से अनय जगहों पर कचरा व गंदगी फैलते है. ऐसे में शहर में साफ-सफाई रखने हेतु नये कंटेनरों को खरीदा जाना बेहद आवश्यक हो गया है.

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