* उपस्थित यात्रियों की सतर्कता से बची जान
चांदूर बाजार/दि.23– एसटी से यात्रा का खर्च कम होने से अब हर कोई लालपरी से यात्रा के लिए लालायित हो रहता है. लेेकिन अब यही बस यात्रा यात्रियों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है. बस स्थानक व्यवस्थापक की लापरवाही तथा दोपहर 4 से 6 बजे के बीच हमेशा की तरह छात्र व यात्रियों की भीड के बीच बस में चढते समय एक यात्री का धक्का-मुक्की में पैर फिसलने से यात्री का पैर पहिये में आ जाने से फ्रैक्चर हो गया.
चांदूर बाजार बस स्थानक पर दोपहर 4 से 6 बजे के करीब सरकारी कार्यालय व स्कूल छूटने क बाद छात्र, कर्मचारी के साथ नागरिकों की अत्याधिक भीड रहती है. बस स्थानक से छूटने वाली बसों की संख्या कम होने से यहां घंटों इंतजार करने वाले यात्री, जो मिले उस बस में चढने के लिए एक दूसरे को धक्कामुक्की तक करते हैं. गुरुवार की शाम 5.30 बजे के करीब देउरवाडा निवासी 55 वर्षीय बुजुर्ग प्रभाकर रेखाते अपनी पत्नी को उपचार हेतु अमरावती भेज रहा था. जिसके लिए वे चांदूर बाजार बसस्थानक आये थे. हमेशा की तरह दोपहर 4 से 6 बजे के बीच बस स्थानक पर भीड थी. यात्रियों के साथ छात्र एक दूसरे को धक्का मारकर आगे बढने का प्रयास कर रहे थे. चांदूर बाजार बस क्रमांक एमएच-40/एन-9969 मेें रेखाते अपनी पत्नी के साथ चढने लगे, तभी एसटी गेट के पास टूटा गाडी का पात्रा रेखाते के पेंट में अटका और वे नीचे गिर पडे. एसटी के पिछले पहिये में उनका पैर आने से उनका पैर फ्रैक्चर हो गया.
घटना के समय उपस्थित भाजपा पदाधिकारी टिकू अहिर का जन्मदिन मनाने मित्र परिवार के किरण सिनकर, आशीष कोरडे, सुमित निंभोरकर, मयूर खापरे व बाबाराव खडसे एसटी बस स्थानक के पास दोस्तों से मिलने पहुंचे थे. उन्होंने जब रेखाते को एसटी के पहिये के नीचे जाते देखा तो तत्काल रेखाते की सहायता के लिए दौडे. उन्होंने एम्बुलेंस की मदद से रेखाते को अस्पताल पहुंचाया. जिसके कारण उनकी जान बची पाई.
घटना के समय डिपो के स्पीकर पूरी तरह बंद थे. वहां एक भी सुरक्षारक्षक मौजूद नहीं था. डिपो मैनेजर बस स्थानक के पीछे 1 हजार मीटर की की दूरी पर अपने कार्यालय में बैठे थे. जिन्हें यात्रियों की कोई चिंता नहीं रहती. जिसके कारण अब चांदूर बाजार डिपो से यात्रा करना यात्रियोें के लिए जान का जोखिम बन चुका है.