अमरावती

ओमिक्रॉन ने बढाई चिंता, पर अमरावतीवासी ‘बिनधास्त’

बिना मास्क लगाये ही बेधडक घुम रहे

  • सरकारी कार्यालयों में भी नियमों का उल्लंघन

अमरावती/दि.4 – शहर में इस समय यद्यपि कोविड संक्रमितों की संख्या काफी हद तक कम हो गई है और विगत कई दिनों से कोविड संक्रमण के चलते किसी व्यक्ति की मौत भी नहीं हुई है. ऐसे में अमरावतीवासी अब कोविड संक्रमण के खतरे को लेकर काफी हद तक बिनधास्त और लापरवाह हो गये है तथा जब पूरी दुनिया में कोविड वायरस के ओमिक्रॉन नामक नये वेरियंट के खतरे को लेकर जबर्दस्त भय व हडकंप का माहौल है. वहीं अमरावतीवासी अब भी नये वेरियंट के खतरे को लेकर काफी हद तक बेफिक्र नजर आ रहे है. इस समय जहां एक ओर नागरिकों की सुरक्षा के मद्देनजर जिला प्रशासन, मनपा प्रशासन व जिला परिषद द्वारा अलग-अलग बैठकें आयोजीत करते हुए विभिन्न उपाय योजनाओं पर जोर दिया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर आम लोगों का मानो इन तमाम बातों से कोई लेना-देना नहीं है और कोविड वायरस के संक्रमण और उसके खतरों को लगभग भूल चुके है.
हालांकि इन दिनों कोविड वायरस के नये स्वरूप ओमिक्रॉन को लेकर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से सामने आ रही जानकारी के चलते लोगों में टीकाकरण को लेकर काफी हद तक जागरूकता आयी है और अब तक टीकाकरण से मुंह मोडकर बैठे लोग भी अब टीकाकरण केंद्रों पर पहुंचकर कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन का डोज ले रहे है. जिसके चलते टीकाकरण केंद्रों पर एक बार फिर अच्छी-खासी भीडभाड दिखाई देने लगी है, क्योंकि टीकाकरण को कोविड वायरस के प्रभाव से बचे रहने का प्रभावी साधन बताया गया है. लेकिन कोविड वायरस के प्रभाव से बचे रहने हेतु लोगों ने पहले की तरह मास्क और सैनिटाईजर का प्रयोग करना पूरी तरह से बंद ही कर दिया है और प्रशासन द्वारा भी अब इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा. ऐसे में शहर की सभी सडकों, बाजारों व प्रतिष्ठानों में बिना मास्क लगाये लोगोें की भीडभाड दिखाई देना आम है. साथ ही कई सरकारी कार्यालयों में भी कोविड त्रिसूत्री का जमकर उल्लंघन हो रहा है. जहां पर आम नागरिकों के साथ-साथ कुछ सरकारी अधिकारी व कर्मचारी भी मास्क व सैनिटाईजर का प्रयोग नहीं कर रहे.
उल्लेखनीय है कि, कोविड संक्रमण काल के दौरान सभी सरकारी कार्यालयों में प्रवेश द्वार के पास ही हाथ धोने के लिए साबुन व पानी की व्यवस्था करते हुए सैनिटाईजर भी उपलब्ध कराया जाता था और सरकारी कार्यालयों में प्रवेश करने के लिए मास्क पहनना बेहद अनिवार्य किया गया था. इसके अलावा सरकारी कार्यालयों में प्रवेश करनेवाले हर एक व्यक्ति के शारीरिक तापमान की जांच भी अनिवार्य तौर पर होती थी. किंतु अब इसमें से कोई भी प्रतिबंधात्मक उपाय नहीं किया जा रहा. सरकारी कार्यालयों व पुलिस थानों में सैनिटाईजर हेतु लगायी गयी पैडल मशीन अब कबाड बनकर रह गई है. वहीं कार्यालय में बिना मास्क लगाये प्रवेश करना बेहद आम बात हो गई है. साथ ही अब किसी की थर्मल स्क्रिनिंग भी नहीं होती. वहीं अब सरकारी महकमों सहित निजी प्रतिष्ठानों में सोशल डिस्टंसिंग के नियम की भी पूरी अनदेखी की जा रही है और शहर सहित जिले में सभी सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की जबर्दस्त भीडभाड दिखाई देती है. ऐसे में यह लापरवाही और उदासिनता किसी भी वक्त अमरावतीवासियों के लिए भारी पड सकती है.

जिला प्रशासन द्वारा कई कडे नियम लागू किये गये है. जिसके तहत मास्क के बिना किसी भी व्यक्ति को सरकारी कार्यालयों में प्रवेश नहीं दिया जाता और बिना मास्क लगाये घुमनेवाले लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी, ऐसा फलका भी जिलाधीश कार्यालय परिसर में लगाया गया है. साथ ही दंडात्मक कार्रवाई करने हेतु विभिन्न स्वतंत्र पथक तैयार किये गये है.
– आशिष बिजवाल
निवासी उपजिलाधीश

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