अमरावती

बुद्ध पूर्णिमा पर निसर्ग प्रेमियों ने लिया जंगल का रोमांचकारी अनुभव

मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प का आयोजन

मेलघाट/ दि.19– मेलघाट वनपरिक्षेत्र में बुद्ध पूर्णिमा के दिन चांद की रोशनी में मचान पर बैठकर निसर्ग प्रेमियों ने जंगल में सांय-सांय चलने वाली हवाओं व वन्यजीवों की आवाजों का रोमांचकारी अनुभव लिया. मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प व्दारा सिपना, अकोट, गुगामल वनपरिक्षेत्र में प्राणियोें की गणना के लिए उपक्रम का आयोजन किया गया था. जिसके लिए व्याघ्र प्रकल्प स्थित वनपरिक्षेत्र में मचान लगाए गए थे. निसर्ग प्रेमी तथा पर्यावरण वन्य जीव संवर्धन के लिए कार्यरत स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्यों के लिए ऑनलाइन तौर पर मचान आरक्षित करवाए गए थे.
केवल 750 रुपए शुल्क रखा गया था. जिसमें नाश्ता, पानी की कैन की व्यवस्था मचान पर की गई थी और यहां तक पहुंचने के लिए वाहनों की भी व्यवस्था की गई थी. निसर्ग प्रेमियों के साथ मचान पर एक वन कर्मचारी भी उपलब्ध करवाया गया था. बुद्ध पूर्णिमा के दिन चांद की रोशनाई में निसर्ग प्रेमियों ने जंगल का रोमांचकारी अनुभव लिया. कोरोना महामारी के चलते पिछले 2 साल यह उपक्रम व्याघ्र प्र्रकल्प व्दारा नहीं किया गया. अब कोरोना नियंत्रण में आने के पश्चात प्राणियों की गणना के लिए यह आयोजन किया गया था.
जिसे देखने के लिए निसर्ग प्रेमियों में उत्सुकता व उत्साह का वातावरण था. इस अवसर पर मुंबई, पुणे, कोल्हापुर, औरंगाबाद, नागपुर, परभणी, वाशिम, बुलढाणा, अकोला, अमरावती, यवतमाल, नांदेड जिले के अलावा मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के निसर्ग प्रेमी उपस्थित थे. सभी निसर्ग प्रेमियों ने चांद की रोशनी में बाघ, तेंदुआ, भालू, नीलगाय व अनेक वन्यजीव को देखा.
यह आयोजन मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प की संचालक ज्योति बनर्जी के मार्गदर्शन में किया गया था. जिसे सफल बनाने के लिए उपसंचालक नवलकिशोर रेड्डी, सूमंत सोलंके, दिव्या भारती, विभागीय वन अधिकारी किरण जगताप, प्रभाकर निमजे, मनोजकुमार खैरनार, पर्यटन व्यवस्थापक स्वप्नील बागडे, वन परिक्षेत्र अधिकारी योगेश तापस ने अथक प्रयास किए.

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