अमरावती

ऑन ड्युटी पुलिस कर्मचारी की हत्या का प्रयास करने वाला बाईज्जत बरी

जिला व सत्र न्यायालय ने दिये आदेश

अमरावती/ दि.7 – ऑन ड्युटी पुलिस कर्मचारी की हत्या करने का प्रयास के अपराध से मुक्त करते हुए जिला व सत्र न्यायालय ने आरोपी नफीज उर्फ कालू को बाईज्जत बरी कर दिया. उसके खिलाफ नागपुरी गेट पुलिस थाने में दफा 307 के तहत अपराध दर्ज किया गया था. आरोपी की ओर से एड. परवेज खान ने दलीले पेश की.
अदालत में दायर दोषारोपपत्र के अनुसार नागपुरी गेट पुलिस थाने में कार्यरत पुलिस उपनिरीक्षक कंट्रोल रुम से जानकारी मिली कि एक ट्रक चित्रा चौक से वलगांव रोड की ओर अवैध तरीके से केरोसीन लेकर जा रहा है. इसके कारण पुलिस उपनिरीक्षक ने ट्रक का पीछा किया. ट्रक चालक जॉकीर कॉलोनी के मैदान में ट्रक छोडकर भाग गया. ट्रक की तलाशी लेने पर प्लास्टिक की बैरल में 570 लीटर निला केरोसीन बरामद हुआ. पुलिस कर्मचारी ने तत्काल अन्न सुरक्षा अधिकारी को घटनास्थल पर बुलाया. घटनास्थल का पंचनामा किया गया. थोडी ही देर में फे्रजरपुरा पुलिस थाने में कार्यरत यातायात पुलिस कर्मचारी ने पुलिस थाने में शिकायत दी कि, वे जब पेट्रोलिंग कर रहे थे, उस समय उस ट्रक से रॉकेल गिरने की बात समझ में आयी. तब वे ट्रक के सामने जाकर भारत गैस गोदाम के पास ट्रक रोकने का प्रयास कर रहे थे, उस समय ट्रक चालक ने ट्रक शरीर पर चढाने हुए मारने का प्रयास किया. इस वजह से उन्होंने तत्काल अपना वाहन रोड की दूसरी ओर किया. इसकी जानकारी नियंत्रण कक्ष को दी गई. इस समय पुलिस आयुक्तालय में रातकालीन ड्युटी पर तैनात तत्कालीन एसीपी गाडगे नगर में तत्काल ट्रक रोकने के लिए सभी पुलिस थाना क्षेत्र में नाईट पेट्रोलिंग अधिकारी को अलर्ट किया. वह ट्रक नागपुरी गेट पुलिस थाना क्षेत्र में मिलने के कारण नागपुरी गेट पुलिस थाने में दफा 307 की धारा बढाई गई.
तहकीकात में स्पष्ट हुआ कि वह ट्रक आरोपी नफीज चला रहा था. इस वजह से उसे इस अपराध में गिरफ्तार किया गया. अदालत के समक्ष आरोपी के खिलाफ अपराध सिध्द करने के लिए सरकारी पक्ष की ओर से 6 गवाहों के बयान लिये गए. सभी गवाह कायम रहे, कोई भी अपने बयान से नहीं मुकरा. इसके कारण सरकारी पक्ष की ओर से कहा गया कि, ड्युटी पर तैनात पुलिस कर्मचारी को आरोपी के खिलाफ झूठे बयान देने और आरोपी को फंसाने का कोई कारण नहीं था, यह अपराध काफी गंभीर है, सभी गवाहों ने आरोपी के खिलाफ बयान दिये, इस वजह से आरोपी को कडी सजा दी जाए, इसके विपरित बचाव पक्ष ने अपनी बात रखते हुए कहा कि, सबसे पहले अपराध सिध्द करने के लिए आरोपी की पहचान सिध्द करना जरुरी है, परंतु यह बात संदेह के आगे सिध्द नहीं की गई. इसी तरह बचाव पक्ष की ओर से सबुत के दौरान त्रुटियां अदालत के समक्ष बताई गई. दोनों ओर की दलीले सुनने के बाद अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए आरोपी को बाईज्जत बरी कर दिया. एड. परवेज एन. खान ने आरोपी की ओर से दलीले पेश की और उन्हें एड. अनिल जयस्वाल, एड. वसीम शेख, एड. सचिन बाखडे, एड. शहजाद शेख, एड. रियाज रुलानी, एड. अजहर नवाज, एड. शाहजेब खान ने सहयोग किया.

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