अमरावतीमहाराष्ट्र

शहीद दिवस पर अचलपुर में शकुंतला के लिए रास्ता रोको

शकुंतला रेल बचाओ समिति ने विधायक तायडे को सौंपा ज्ञापन

* जल्द ट्रेन शुरु करने की मांग
अचलपुर /दि.24– शकुंतला रेल बचाओ समिति ने शहीद दिवस पर अमरावती-परतवाडा मार्ग पर रास्ता रोको आंदोलन कर शकुंतला ट्रेन को फिर से शुरु करने की मांग की. इस दौरान विधायक प्रवीण तायडे को ज्ञापन सौंपकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस संबंध में जल्द से जल्द कडे कदम उठाने की मांग की. इस शांतिपूर्ण आंदोलन में सैकडों लोगों ने भाग लिया और सरकार से जल्द निर्णय लेने का आवाहन किया.
उल्लेखनीय है कि, शकुंतला रेल बचाओ समिति का लोकतांत्रिक मार्ग से यह शांतिपूर्ण संघर्ष पिछले काफी साल से शुरु है. अब तक 32 आंदोलनों के जरिए सरकार तक अपनी मांग पहुंचाने का प्रयास किया जा चुका है. समिति का कहना है कि, भारत की आजादी के दशकों बाद भी शकुंतला ट्रेन जैसी महत्वपूर्ण परिवहन सेवा को बंद रखना ग्रामीण जनता, किसान, विद्यार्थी, व्यापारी और मजदूरों के लिए अन्यायपूर्ण इसलिए इस बार समिति ने शहीद दिवस को संघर्ष का माध्यम बनाते हुए आक्रामक रुख अपनाया और चक्काजाम आंदोलन किया. रविवार 23 मार्च को सुबह 10 बजे आंदोलन की शुरुआत शहीद भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर हुई. पश्चात अमरावती-परतवाडा मार्ग पर चक्काजाम कर सरकार से जल्द से जल्द शकुंतला रेल्वे को शुरु करने की मांग की गई. आंदोलन में विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए. इस अवसर पर शकुंतला रेल्वे बचाओ समिति के सदस्य योगेश खानजोडे, गजानन कोल्हे, डॉ. नीलेश तारे, कचरु सेठ पटवारी, राजाभाउ धर्माधिकारी, राजेश अग्रवाल, संजय डोंगरे, दीपा तायडे, शारदा उईके, उज्वला माकोडे, दयाराम चंदेल, राजेंद्र पांडे, किरण गवई, एस. बी. बरखडे, विजय गोेंडचवार, राजेंद्र जायस्वाल, वसंतराव धोबे उपस्थित थे. आंदोलन को समर्थन देने वालों में क्रांति ज्योति संगठन, शिवसेना उबाठा गुट, आजादी बचाओ आंदोलन, अचलपुर स्टोन क्रशर एसोसिएशन, शकुंतला रेल समिति यवतमाल और ऑल ट्रेडर्स एसोसिएशन शामिल थे.

* विधायक तायडे का वाहन रोककर सौंपा ज्ञापन
आंदोलन के दौरान विधायक प्रवीण तायडे का वाहन रोककर उन्हे ंमुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया. समिति ने यह मुद्दा आगामी विधानसभा सत्र में उठाने की मांग की. विधायक प्रवीण तायडे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तक इस मांग को पहुंचाने और जल्द हल निकालने का आश्वासन दिया. पुलिस की मध्यस्थता से आंदोलन समाप्त हुआ. समिति के प्रमुखों ने आंदोलन के बाद चेतावनी देते हुए कहा कि, यदि सरकार जल्द कोई निर्णय नहीं लेती है, तो आंदोलन तीव्र किया जाएगा.

* समृद्ध रहा है शकुंतला रेल्वे का इतिहास
वर्तमान में विदर्भ के कपास क्षेत्र में यवतमाल से मूर्तिजापुर (113 किमी), मूर्तिजापुर से अचलपुर (77 किमी) और पुलगांव से आर्वी (35 किमी) तक रेल्वे की मीटगेज लाइनें मौजूद हैं. परंतु इन मागों पर यातायात पिछले कई वर्षों से बंद है. इस रेलमार्ग का निर्माण 1903 में इंग्लैंड की एक निजी कंपनी क्लिक-निक्सन एंड कंपनी द्वारा किया गया था. बाद में यह कंपनी सेंट्रल प्रोविंस रेल्वे कंपनी के नाम से जानी गई. अंग्रेजों ने उस समय वर्‍हाड में प्रचूर मात्रा में उगाए जाने वाले कपास को मुंबई और वहां से इंग्लैंड के मैनचेस्टर की सूत मिलों तक पहुंचाने के लिए इस रेल्वे लाइन का निर्माण किया था. इस रेल्वे लाइन को इस क्षेत्र के लोगों के लिए जीवनरेखा माना जाता था.

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