अमरावती/दि.19– इस समय दाल, साग-सब्जी, खाद्यतेल, अनाज व किराणा वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे है. साथ ही साथ अब महंगाई का असर मसालों में प्रयुक्त होनेवाली वस्तुओं व सामग्रियों पर भी पडता दिखाई दे रहा है. जिसके तहत जीरा, खसखस, कलमी, जायफल, ईलायची, बडी ईलायची, शहाजीरा, कालीमिर्च, हल्दी पाउडर व मिर्च पाउडर के दाम बडे पैमाने पर बढ गये है. ऐसे में सब्जी तरकारी व दाल में तडका लगाने हेतु प्रयुक्त होनेवाले मसालों पर ही महंगाई का तडका लगा हुआ है. जिसके चलते अब छौंक-बघार करना भी काफी हद तक महंगा हो गया. पता चला है कि, मसालों में प्रयुक्त होनेवाली वस्तुओं का ज्यादा तर उत्पादन केरल सहित देश के दक्षिणी राज्यों में होता है. किंतु इस बार उपज थोडी कम हुई. साथ ही जीएसटी सहित माल ढुलाई की दरें बढ गई. जिसका सीधा परिणाम मसालों के दामों पर पडा है.
25 रूपये किलो से महंगी हुई हल्दी
जिले के शेंदूरजना व वायगांव में बडे पैमाने पर हल्दी का उत्पादन होता है. किंतु इस बार उत्पादन कम होने के चलते हल्दी के दामों में 25 रूपये प्रति किलो का इजाफा हुआ है.
* इस वजह से बढे दाम
देश में मसालों में प्रयुक्त होनेवाली वस्तुओं का सर्वाधिक उत्पादन केरल राज्य में होता है. किंतु इस बार उत्पादन का प्रमाण कम रहा. वहीं गर्मी के मौसम दौरान मसाला साहित्य की मांग बढ जाती है. ऐसे में इस समय मसालों के दामों में अच्छी-खासी तेजी देखी जा रही है.
* रेडिमेड की बजाय घरेलू मसालों को प्राधान्य
यूं तो इन दिनों विभिन्न मसाला उत्पादक कंपनियों द्वारा अलग-अलग कामों में प्रयोग हेतु लाये जानेवाले विभिन्न तरह के मसाले बिक्री हेतु उपलब्ध कराये जाते है. किंतु अमरावती शहर सहित जिले में गृहिणियों द्वारा रेडिमेड मसाले खरीदने की बजाय घर में मसाले तैयार करने को प्राथमिकता दी जाती है. जिसके तहत किराणा दुकानों से मसाले में प्रयुक्त होनेवाले साहित्य को खरीदकर लाया जाता है. जिन्हें घर पर ही पीसकर छौंक-बघार करने हेतु मसाला तैयार किया जाता है.
* ऐसे बढे मसाला साहित्य के दर (रूपये/प्रति किलो)
साहित्य फरवरी में दाम मौजूदा दरें
हल्दी 180 200
धनिया 220 240
काली मिर्च 780 800
शहाजिरा 850 900
लौंग 860 900
ईलायची 1,880 1,900
कर्णफुल 1,780 1,800
रामपत्री 1,950 2,000
जायपत्री 2,650 2,700
कलमी 600 640