अमरावती

संतरे पेड पर ही, तोडने की मुदत खत्म

उत्पादकों की जान अधर में लटकी

  • व्यापारी कब तोडेंगे संतरा

अमरावती / प्रतिनिधि दि.26 – वरुड तहसील में इस बार मृग बहार का उत्पादन अच्छा खासा हुआ है. जिससे किसानों ने संतरा बगीचे का व्यापारियों के साथ करार कर इसार भी लिया. अब संतरा तोडने की मुदत भी खत्म हुई किंतु बारिश व ओलावृष्टि से संतरा पेड पर ही रह गया. निसर्ग के बेभरोसे के चलते संतरा उत्पादकों की जान अधर में लटकी हुई है.
तहसील में 20 हजार हेक्टेअर पर संतरे के बगीचे है. इसपर कोई आंबिया तो कोई मृग बहार का उत्पादन लेता है. इस वर्ष मृग बहार का उत्पादन अच्छा खासा हुआ है. संतरा तोडने का समय होते ही व्यापारियों के साथ करार-मदार हुआ. किसी ने टन का, तो किसी ने के्रट का भाव लिया. टोकन के तौर पर इसार लेकर तोडने की मुदत दी गई. इस बीच बारिश व हल्की ओलावृष्टि हुई. हवा के चलते कुछ जगह संतरा जमीन पर ही आ गए. यहीं संधी देख व्यापारियों ने मुदत खत्म होकर भी संतरे नहीं तोडे. इसी दौरान एक दिन बाद बदरिला मौसम छाने से किसान परेशान हुआ. हर वर्ष एक के बाद एक संकट किसानों के सामने आता है. मुंह तक आने वाला निवाला निसर्ग छिन लेता है. पेड पर लबालब दिखने वाले संतरे को देख किसान यह संतरे कब तोडे जायेंगे, इस प्रतिक्षा में आज दिखाई दे रहा है. 38 से 40 हजार रुपए टन व क्रेट को 700 से 800 रुपए भाव मिलने से किसान परेशान हुआ है.

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