इस आधार पर मिली मनपा आयुक्त पवार को मैट से राहत
मैट ने नितिन कापडनीस की नियुक्ति पर भी उठाये सवाल
* राज्य सरकार को जवाब पेश करने दिया 3 सप्ताह का समय
अमरावती/दि.15– बीती शाम से आज दोपहर तक 18 घंटों के दौरान अमरावती के मनपा आयुक्त पद को लेकर अच्छा खासा नाटकीय घटनाक्रम घटित हुआ. जिसके तहत बीती शाम अमरावती के मनपा आयुक्त देवीदास पवार का नगर विकास विभाग ने अकस्मात तबादला करते हुए इस पद पर नवी मुंबई में पदस्थ नगर विकास विभाग के आयुक्त नितिन कापडनीस की नियुक्ति का आदेश जारी किया था और आदेश जारी होने के बाद महज 12 घंटें के भीतर नितिन कापडनीस ने मुंबई से अमरावती पहुंचकर आज सुबह 9.30 बजे ही मनपा के नये आयुक्त के तौर पर अपना पदभार भी संभाल लिया था, जो महज ढाई से तीन घंटे के लिए ही था. क्योंकि इस दौरान पद से हटाए गए डॉ. देवीदास पवार ने नागपुर मैट में जाकर अपने तबादला आदेश को चुनौती देने के साथ ही इसके खिलाफ स्टे ऑर्डर भी प्राप्त कर लिया. जिसकी जानकारी मिलते ही सुबह 9.30 बजे आयुक्त पद का पदभार लेने वाले नितिन कापडनीस दोपहर 12.30 बजे के आसपास अपना पदभार छोडकर अमरावती से मुंबई के लिए बैरंग वापिस लौट गये. ऐसे में सभी के मन में यह सवाल चल रहा है कि, आखिर मैट ने किस आधार पर आयुक्त देवीदास पवार के तबादला आदेश पर स्थगनादेश जारी किया है.
मैट के उपाध्यक्ष न्या. एन. जी. गिरतकर के समक्ष इस मामले को लेकर हुई सुनवाई के दौरान आयुक्त देवीदास पवार की ओर से पेश हुए एड. एस. पी. पलशीकर के युक्तिवाद को ग्राह्य मानते हुए मैट में इस बात पर विशेष ध्यान दिया कि, महाराष्ट्र म्युनीसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट की धारा 36 के तहत विगत 7 फरवरी 2024 को ही अगले 3 वर्ष के कार्यकाल हेतु देवीदास गंगाधर पवार को अमरावती मनपा के आयुक्त पद पर नियुक्त किया गया था और उन्होंने अभी इस पद पर बमुश्किल सवा माह का कार्यकाल ही पूरा किया है. वहीं उनके स्थान पर अमरावती मनपा के आयुक्त के तौर पर भेजे गये नितिन कापडनीस का 11 अगस्त 2022 को नवी मुंबई में उपायुक्त पद पर तबादला किया गया था. परंतु कापडनीस ने कभी भी उक्त पद का प्रभार नहीं स्वीकार. जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा कापडनीस के नाम 11 नवंबर 2023 को शो-कॉज नोटीस जारी की गई थी. लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार ने कभी भी नितिन कापडनीस के इस बेअदब व्यवहार हेतु कोई कार्रवाई नहीं की. बल्कि इसे लेकर दंडित करने की बजाय नितिन कापडनीस को अमरावती मनपा आयुक्त पद पर नियुक्ति देकर एक तरह से उपकृत किया गया. जिसे सीधे-सीधे महाराष्ट्र म्युनीसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट की धारा 36 की अनदेखी व उल्लंघन कहा जा सकता है.
इसी मुद्दे पर नागपुर मैट ने गत रोज जारी तबादले के आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार को इस मामले में अपना जवाब पेश करने हेतु तीन सप्ताह का समय दिया है. जिसके बाद मैट द्वारा इस मामले का अंतिम निपटारा किया जाएगा.