अमरावती

जेल से बाहर आने किन वजहों पर मिलती है छुट्टी

अमरावती/दि.14– कारागार में सजा भोग रहे कैदियों को विविध कारणों के आधार पर संचित यानि फरलो और पैरोल अवकाश मंजूर करते हुए कुछ दिन के लिए जेल से रिहाई दी जाती है. यदि रक्त संबंध में रहने वाला कोई व्यक्ति बीमार है, या परिवार में किसी की मौत हुई हो, तो जेल में बंद रहकर सजा भुगत रहे कैदियों को जेल से अवकाश मिलता है. इसके तहत संचित यानि फरलो अवकाश की कालावधि 15 दिनों की तथा पैरोल अवकाश की कालावधि 1 माह की होती है.
* जेल में 973 कैदियों की क्षमता
अमरावती मध्यवर्ती कारागार में 973 कैदियों को रखने की क्षमता है. परंतु यहां पर इससे कही अधिक कैदी रखे गए है. ऐसी जानकारी कारागार प्रशासन द्बारा दी गई है.
* जेल में बंद हैं 1409 कैदी
973 कैदी क्षमता रहने वाली अमरावती सेंट्रल जेल में इस समय कुल 1409 कैदी रखे गए है. जिनमें न्यायिक बंदियों के साथ-साथ विभिन्न अपराधों के तहत सजा प्राप्त कैदियों का समावेश है.
* कोविड में छोडे गए सभी कैदी लौटे
कोविड काल के दौरान जेलों में भीडभाड कम करने हेतु कुछ नियमों व शर्तों के आधार पर कुछ कैदियों को कोरोना आकस्मिक अभिवचन अवकाश मंजूर किया गया था. जिसके बाद करीब 2 साल तक यह कैदी जेल से बाहर रहे. अच्छी बात यह रही कि, कोविड काल खत्म होने के बाद विशेष पैरोल पर छोडे गए सभी कैदी जेल में वापिस लौट आए.
* अमरावती सेंट्रल जेल में 973 कैदियों को रखने की क्षमता है और यहां पर इस वक्त 1409 कैदी अपनी-अपनी सजा भुगत रहे. इन सभी कैदियों को उनकी किसी जरुरत के समय संचित अथवा पैरोल अवकाश मंजूर करते हुए नियमों व शर्तों के तहत जेल से रिहा किया जाता है. जिन्हें अवकाश की अवधि खत्म होने के बाद अपनी बची हुई सजा पूरी करने के लिए जेल में वापिस आना होता है.
– कमलाकर मिरासे,
वरिष्ठ जेल अधिकारी,
अमरावती सेंट्रल जेल.

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