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एक बार फिर शुरू हुई दो सदस्यीय प्रभाग रचना की चर्चा

पूर्व पार्षदों सहित मनपा चुनाव लडने के इच्छुक भी है संभ्रम में

* पुरानी प्रभाग रचना को राज्य सरकार ने कर दिया है निरस्त
* अब सभी की निगाहें नई प्रभाग रचना को लेकर जारी होनेवाले सरकारी आदेश की ओर
अमरावती/दि.14– विगत जनवरी माह में राज्य सरकार ने मुंबई को छोडकर राज्य की सभी महानगरपालिकाओं के चुनाव तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति के जरिये करवाने का निर्णय लिया था. जिसके बाद जनवरी व फरवरी माह के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा संबंधित मनपा प्रशासनों के साथ मिलकर तीन सदस्यीय प्रभाग रचना का प्राथमिक व संशोधित प्रारूप तय करने का काम किया गया. साथ ही आपत्तियों व आक्षेपों पर सुनवाई पुर्ण करते हुए अंतिम प्रभाग रचना घोषित करने की तैयारियां शुरू की गई. किंतु इसी बीच सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण को लेकर कानूनी पेंच फंस गया और राज्य सरकार ने ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव नहीं करवाने का फैसला लेते हुए महानगरपालिकाओं के चुनाव को छह माह के लिए आगे टाल दिया. इसके साथ ही राज्य सरकार ने विधान मंडल में सर्वसम्मति से विधेयक पारित करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग के कई अधिकारों को अपने पास ले लिया. जिसे राज्यपाल द्वारा भी अपनी मंजूरी दी गई. ऐसे में राज्य सरकार ने इससे पहले निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार की गई प्रभाग रचना को पूरी तरह से निरस्त कर दिया. साथ ही अब सरकार द्वारा नये सिरे से प्रभाग रचना का प्रारूप तय करते हुए आरक्षण की स्थिति को लेकर निर्णय लिया जायेगा. जिसके बारे में चर्चा चल रही है कि, सरकार संभवत: अब तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति की बजाय दो सदस्यीय प्रभाग पध्दति को अमल में ला सकती है. इस संभावना के मद्देनजर मनपा का अगला चुनाव लडने के इच्छूक पूर्व पार्षदों सहित नये इच्छूकों में भी अच्छा-खासा संभ्रम देखा जा रहा है और अब सभी इच्छुकों की निगाहें प्रभाग रचना को लेकर सरकार द्वारा लिये जानेवाले नये फैसले की ओर लगी हुई है.
बता दें कि, राज्य की महाविकास आघाडी सरकार में शामिल कांग्रेस व राकांपा के नेताओं द्वारा पहले से दो सदस्यीय प्रभाग रचना तैयार करने की मांग की जा रही थी. वहीं प्रमुख विपक्षी दल भाजपा द्वारा पहले की तरह चार सदस्यीय प्रभाग रचना को कायम रखने पर जोर दिया जा रहा था. सरकार में शामिल दलों द्वारा अपने वरिष्ठ नेताओं को कहा गया था कि, उम्मीदवारों व मतदाता संख्या को देखते हुए अधिक से अधिक नगरसेवक चुनकर लाने हेतु दो सदस्यीय प्रभाग रचना बेहद अनुकूल है. किंतु पक्ष व विपक्ष की ओर से पडते दबाव को देखते हुए राज्य सरकार ने मुंबई को छोडकर राज्य के अन्य सभी महानगरपालिकाओं में तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति के जरिये चुनाव करवाने का निर्णय लिया और उस लिहाज से प्रभागों का परिसिमन करते हुए प्रभाग रचना तैयार की गई. जिसके अनुसार सभी इच्छूक अपने-अपने प्रभागों में काम पर लग गये. विगत 8 मार्च को अमरावती महानगरपालिका के मौजूदा पदाधिकारियों व पार्षदों का कार्यकाल खत्म हुआ. इसके साथ ही उम्मीद जताई जा रही थी कि, आगामी मार्च माह के अंत या मई माह के प्रारंभ में मनपा के चुनाव हो सकते है. इसे ध्यान में रखते हुए चुनाव लडने के सभी इच्छुकों ने जनसंपर्क तेज करते हुए अपनी तैयारियां शुरू कर दी थी. किंतु इसी बीच ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपनाई गई भुमिका के चलते राज्य सरकार को जबर्दस्त झटका लगा और सरकार ने ओबीसी आरक्षण का मसला हल होने तक मनपा चुनाव को स्थगित रखने तथा अब तक तैयार की गई प्रभाग रचना को रद्द करने का निर्णय लिया. ऐसे में अब राज्य सरकार द्वारा नये सिरे से ्रप्रभाग रचना बनाई जायेगी. जिसमें उम्मीद है कि, दो सदस्यीय प्रभाग रचना को अमल में लाया जायेगा. चूंकि मनपा चुनाव में महिलाओं के लिए 50 फीसद आरक्षण की व्यवस्था है. अत: दो सदस्यीय प्रभाग पध्दति के चलते सभी प्रभागों में एक सीट पुरूषों के लिए और एक सीट महिलाओं के लिए रहेगी. साथ ही दो सदस्यीय पध्दति के चलते प्रभागों का भौगोलिक दायरा भी काफी हद तक घट जायेगा. वहीं दूसरी ओर दो सदस्यीय प्रभाग पध्दति होने पर जातिय समीकरण को काफी अधिक महत्व रहेगा और जिस जाति के मतदाता जिस प्रभाग में अधिक होंगे, उस प्रभाग में संबंधित जाति के इच्छुकों को उम्मीदवारी देने पर राजनीतिक दलों का विशेष जोर रहेगा. इसके साथ ही अनुसूचित जाति व जनजाति की जनसंख्या अधिक रहनेवाले प्रभागों में एससी/एसटी आरक्षण भी रहेगा. ऐसे में जिन प्रभागों में पुरूष गट की सीटों पर एससी/एसटी का आरक्षण रहेगा, उन प्रभागोें के खुले संवर्गवाले इच्छुक पुरूषों को आस-पडौस के किसी अन्य प्रभाग से चुनाव लडने की नौबत आयेगी.
इन तमाम बातों के मद्देनजर फिलहाल सभी राजनीतिक दलों व चुनाव लडने के इच्छुकों ने ‘वेट एन्ड वॉच’ की भुमिका अपना रखी है. साथ ही आगामी अप्रैल व मई माह में चुनाव होने की संभावना के चलते सक्रिय व अतिसक्रिय हो चुके सभी पूर्व पार्षद एवं चुनाव लडने के इच्छूक अब अचानक ही कुछ हद तक अंडरग्राउंड हो गये है. साथ ही कुछ दिनों पहले तक शहर में जो चुनावी सरगर्मियों व जोश का माहौल दिखाई दे रहा था, वह अब काफी हद तक ठंडा पड गया है. विगत कुछ दिनों से सभी पार्टियों के कार्यालयों में अच्छी-खासी गहमा-गहमी का माहौल था और चुनाव लडने के इच्छुकों द्वारा अपने-अपने प्रभागों में मतदाताओं से ‘हाय-हैलो’ करते हुए जनसंपर्क अभियान भी तेज कर दिया गया था. जिसके तहत विगत दिनों श्री गजानन प्रकट दिवस का औचित्य साधकर कई जनसेवक ‘प्रकट’ हो गये थे, जो चुनाव के आगे टलते ही अब ‘अंतर्ध्यान’ हो गये है. साथ ही शहर में बैनरों व पोस्टरों की भरभार भी अब कम होने लगी है. साथ ही अब सभी के द्वारा मनपा चुनाव को लेकर सरकार की ओर से की जानेवाली नई घोषणा की ओर निगाहें लगी हुई है.

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