वरूड/दि.१९ – मिर्च उत्पादन के लिए पहचाने जानेवाले वाडेगांव के किसान दिलीप बरांगे का मानना है कि खेती हमें धोखा नहीं देती. लेकिन उसे परिश्रम और नियोजनबध्दता के साथ नई तकनीक अपनाकर खेती करने की जरूरत है. इस बार उन्होंने खेत में हरी मिर्च की बुआई की. केवल एक एकड जमीन पर तीन तुडाई में पचास क्विंटल मिर्च उत्पादन हुआ. बाजार मूल्य के अनुसार इस माल की कीमत १० लाख रूपये है. इस रिकार्ड उत्पादन से अन्य किसान भी उनसे प्रेरणा ले रहे है.
किसानों में उत्साह बढ़ा
संतरा उत्पादन को दाम ना मिलने से अब किसान मिर्च उत्पादन की ओर अग्रसर हो रहे है. यहां की मिर्च की मांग पूरे देश के साथ बांग्लादेश में भी बडे पैमाने पर है. ऐसे में दिलीप बरांगे के मिर्च के खेत का रिकार्ड उत्पादन देखकर न केवल आसपास के किसान बल्कि कृषि अधिकारी राजू सावले ने अपनी टीम के साथ वहां भेंट दी.
पहली बारिश में ही बहार
युवा किसान बरांगे महिको कंपनी के नवतेज व वैष्णवी बीज की बुआई की. पहली बारिश में ही एक एकड में ४८८० पौधे उंगे.कृषि विशेषज्ञों से मार्गदर्शन लेकर नए कीटनाशकों का उपयोग कर फसल पर छिडकाव किया. पहली तुडाई में २ क्विंटल, दूसरी तुडाई में १५ क्विंटल मिर्च उत्पादन मिला. तीसरी तुडाई शुरू है, जिसमें अब तक ३५ क्विंटल मिर्च की तुडाई हो चुकी है. इस तरह ५० क्विंटल से अधिक मिर्च उत्पादन हुआ. इस कार्य के लिए बरांगे परिवार के साथ ही २५ महिला मजदूरों को रोजगार उपलब्ध हुआ.सीजन के आखिरी तक २०० क्विंटल उत्पादन अनुमानित है.
कौन कहता है खेती घाटे का सौदा
बदलते समय के साथ फसले बदलना भी आवश्यक है. किसान एक ही फसल पर निर्भर न रहे. परिश्रम नई तकनीक व संशोधन के साथ खेती करे. कौन कहता है खेती घाटे का सौदा है. सही तरीके से खेती करने पर अच्छी आय मिल सकती है.
– दिलीप बरांगे, युवा किसान