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एक अकेला सब पर भारी… बच्चू का अंडरकरंट

अब तक 71 सभाएं ली, 29 और लेंगे : 100 का टार्गेट

अमरावती/दि. 20 – अमरावती जिले को अच्छी तरह याद होगा कि, जब बच्चू कडू 25 वर्ष पहले शिवसेना में थे और शिवसेना भी जिले में कोई खास मजबूत पार्टी नहीं थी तो चांदुर बाजार तालुका में बच्चू अकेले ही किसी से भी भीड जाते थे. उसी दरम्यान एक दिन ऐसा भी था जब जनता की समस्याओं के लिए आंदोलन करते समय पुलिस ने बच्चू कडू को चांदुर बाजार के भरे चौक में सरेआम पीटा था. बच्चू का सफर सही मायने में वहीं से शुरु हुआ और आज यह ‘जनता का भीडू बच्चू कडू’ पूरे महाराष्ट्र में अपनी पहचान बना चूका है. लेकिन आज भी बच्चू खुद का नेता खुद है और जनता को ही अपना नेता मानता है. यही कारण है कि, महाराष्ट्र की सत्ताधारी महायुती गठबंधन में शामिल होने के बावजूद नीति मूल्यों के लिए अपना उम्मीदवार लेकर बच्चू फिर मैदान में कूद गया.
इस बार जब बच्चू ने दिनेश बूब की उम्मीदवारी घोषित की तो शुरु में उनके विरोधको ने अफवाह फैलाई की शिंदे के एक फोन से बच्चू अपनी पार्टी की उम्मीदवारी पीछे ले लेंगे. 4 तारीख गुजर गई, प्रहार का उम्मीदवार पीछे नहीं हटा. फिर अफवाह फैलाई की भाजपा के वोट काटने के लिए बच्चू मैदान में है. लेकिन प्रहार ने बता दिया कि, उनका उम्मीदवार भी तगडा है और अब आलम यह है कि, त्रिकोणी कडी टक्कर मानी जा रही है.
एक तरफ विश्व की सबसे बडी पार्टी भाजपा है. भाजपा की उम्मीदवार नवनीत राणा हैवीवेट मानी जा रही है. उनके प्रचार के लिए विश्व के सबसे बडे नेता नरेंद्र मोदी से लेकर, उमेश कोल्हे की विधवा पत्नी तक मैदान में उतर चुकी है. दूसरी तरफ देश में 70 साल राज कर चुकी कांग्रेस के बलवंत वानखडे कडी टक्कर दे रहे है. लेकिन बच्चू कडू की पार्टी में एक ही नेता है, स्वयं बच्चू.
प्रहार जनशक्ति पार्टी के रवि पाटिल काफी कुरेदने के बाद बताते है कि, अभी तक बच्चू अमरावती लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत आनेवाले 6 विधानसभा क्षेत्र में 71 जनसभाएं कर चुके है. आनेवाले पांच दिनों में और 29 सभाएं होगी. किसी सभा में न तो कोई हीरो बुलाया गया न कोई हिरोईन. न कोई भजन गानेवाला और ना ही कोई कीर्तनकार. बच्चू कडू के नेतृत्व में अमरावती जिले के अचलपुर, दर्यापुर, मेलघाट, तिवसा, बडनेरा और अमरावती विधानसभा क्षेत्रों में सभाएं ली गई.
रवि पाटिल बताते है कि, बच्चू की सभी सभाएं चुनाव आयोग से अनुमति लेकर आयोजित की गई है और सभी सभाओं का बच्चू कडू के फेसबुक पेज से लाईव टेलिकास्ट भी किया गया है.
शिरजगांव कसबा (2), ब्राम्हणवाडा थडी (2), आसेगांव पूर्णा, धारणी, करजगांव, पिंपलोद, खल्लार (2), रामतीर्थ, शिंगणापुर, अंजनगांव सुर्जी
(2), पथ्रोट (2), शिंदी, चुरणी (चिखलदरा), सातेगांव (2), कोकर्डा, कापुसतलनी, विहीगांव, अडगांव (2), नेरपिंगलाई, बडनेरा, शिराळा, भातकुली, मोझरी, तिवसा, वर्‍हा, निमखेड बाजार, येवदा, वडनेर गंगामाई आदि इलाको में सभाओं की हमें जानकारी मिली है.
कमाल की बात यह है कि, किसी भी सभा में एक हजार से कम या पांच हजार से ज्यादा लोग नहीं है. जिला परिषद सर्कल विभाग के हिसाब से सभाएं ली जा रही है. सभी सभाओं में मुख्य वक्ता और आकर्षण प्रहार के उम्मीदवार दिनेश बूब और अंत में बच्चू कडू का भाषण होता है.
बच्चू कडू किसान, खेती, विकास, बेरोजगारी, व्यापार, उद्योग, जिले की संस्कृति, आम लोगों का साथ, दिनेश बूब की सेवा, प्रहार का संगठन, ग्रामीण इलाको में प्रतिसाद, राणा परिवार पर प्रहार इन्हीं विषयों पर बोलते है. बच्चू रोज औसतन पांच सभाएं कर रहे है. इसके अलावा पदयात्राएं, राजनीतिक फिल्डींग और बूथ मैनेजमेंट पर भी रोज ध्यान दिया जा रहा है.

* रात 10 के बाद भी सभा
कुछ जगहों पर बच्चू कडू अपने व्यस्त दौरे में रात 10 के बाद भी सभाओं में पहुंचे. वहां जनता के बीच खडे होकर बिना माईक के ‘अपना भीडू’ शुरु हो गया. हालांकि उनके विरोधको ने रात 10 के बाद सभा के लिए बच्चू की शिकायत भी की. लेकिन जिस पर जनता के काम करते समय 350 अपराध दर्ज है वो कहां चुनावी आचारसंहिता से डरनेवाला है.

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