चारपहिया वाहनों की काली फिल्म पर डेढ हजार का दंड
यातायात पुलिस द्वारा कार्रवाई करने की जरूरत
* अधिकांश चारपहिया वाहनों के शीशे पर लगी है ब्लैक फिल्म
अमरावती/दि.16- चारपहिया वाहन धारकों द्वारा धूप से बचाव करने हेतु अपने वाहन के शीशों पर काले रंग की पारदर्शक फिल्म लगाई जाती है, ताकि यात्रा के दौरान वाहन के भीतर धूप और गर्मी का असर न हो. किंतु सुप्रीम कोर्ट ने वाहनों पर ब्लैक फिल्म नहीं लगाने का आदेश दिया है. साथ ही राज्य सरकार ने भी इसे लेकर कानून बनाया है. जिसके तहत इस नियम का उल्लंघन करनेवाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रावधान है. किंतु ब
इसके सभी चारपहिया वाहनों के शीशों पर धडल्ले के साथ काली फिल्म लगाई जाती है. ऐसे में यातायात पुलिस द्वारा इसे लेकर अभियान छेडे जाने की सख्त जरूरत है.
बता दें कि, कई बार अपराधियों द्वारा अपराध हेतु प्रयुक्त किये जानेवाले चारपहिया वाहनों के शीशों पर गहरे काले रंग की पारदर्शक फिल्म लगा दी जाती है, ताकि वाहन के भीतर कौन बैठा है, यह बाहर से दिखाई न दे. इसके अलावा शीशों पर काली फिल्म रहनेवाले वाहनों को रात के वक्त चलाते समय वाहन चालक का भी सडकोें पर अनुमान कई बार चूक जाता है. जिसकी वजह से सडक हादसे भी घटित होते है. ऐसे में इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई पश्चात सुप्रीम कोर्ट ने चारपहिया वाहनों के कांच पर काले रंग की फिल्म नहीं लगाने को लेकर आदेश जारी किया था. वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के आदेश और राज्य सरकार द्वारा बनाये गये कानून को ध्यान में रखते हुए अब बाजार में काली फिल्म की बजाय 50 फीसद व 70 फीसद डार्क रहनेवाली पारदर्शक फिल्म उपलब्ध हो गई है. जिसमें से वाहन के अंदर व बाहर स्पष्ट रूप से दिखाई देता है. इसके अलावा कई वाहन चालक काले रंग की जाली का भी प्रयोग करते है, चूंकि पूरी तरह से पारदर्शक रहनेवाले कांच से आनेवाली धूप की वजह से वाहन के भीतर काफी गर्मी महसूस होती है. ऐसे में इसे टालने हेतु ज्यादातर लोगबाग अपने वाहनों के कांच पर काली फिल्म लगाते रहे है. किंतु अब ऐसा करना कानूनन अपराध है.
* पहली बार 500 रूपये व बाद में डेढ हजार रूपये का दंड
– यदि कोई वाहन पहली बार काली फिल्म लगाये हुए पकडा जाता है, तो यातायात पुलिस द्वारा संबंधित वाहन चालक को वह काली फिल्म निकालने हेतु कहा जाता है. इसके अलावा कई बार तो खुद पुलिस अधिकारी व कर्मचारी ही संबंधित वाहन की काली फिल्म को निकाल देते है.
– पारदर्शक फिल्म निकालने में टालमटोेल करने पर पहली बार 500 रूपये का दंड भी लगाया जाता है. पहले इस दंड की राशि 200 रूपये हुआ करती थी. जिसे बढाकर अब 500 रूपये कर दिया गया है.
– पहली बार दंड होने के बाद भी यदि संबंधित वाहन धारक द्वारा अपने वाहन के कांच से काली फिल्म को नहीं हटाया गया, तो पुलिस द्वारा तीनगुना अधिक दंड लगाये जाने का प्रावधान है. यानी दूसरी बार पकडे जाने पर डेढ हजार रूपये का जुर्माना अदा करना पड सकता है.
* अब तक 58 हजार रूपये वसूल
यातायात सुरक्षा के साथ ही अपराधों को नियंत्रित रखने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने वाहनों पर लगाई जानेवाली ब्लैक फिल्म को गैरकानूनी ठहराया. ऐसे में अब 50 से 70 प्रतिशत तक डार्क रहनेवाली काली फिल्म का प्रयोग किया जा सकता है. जिसकी वजह से वाहनों के कांच बंद रहने के बावजूद वाहन के भीतर व बाहर आसानी से देखा जा सकता है. वहीं इससे अधिक डार्क फिल्म लगाने के मामले में यातायात पुलिस ने गत वर्ष 116 लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनसे 58 हजार रूपये वसूल किये है.
* काली फिल्म लगाने का प्रमाण घटा
– कानून का पालन करनेवाले लोगों की संख्या काफी अधिक है और सरकार का आदेश आते ही अधिकांश लोगों ने अपने वाहनों के कांच पर लगायी गई गहरे काले रंग की फिल्म को हटा दिया.
– वहीं उत्पादक कंपनियों द्वारा भी अब ब्लैक फिल्म की आपूर्ति करना कम कर दिया गया है. ऐसे में काली फिल्म लगाने का प्रमाण काफी हद तक घट गया है.
* काली फिल्म की कीमतें बढी
काली फिल्म की आपूर्ति घट जाने के चलते इसका सीधा असर इसकी कीमतों पर पडा है. पहले जहां काली फिल्म 800 रूपये में उपलब्ध हुआ करती थी, वहीं अब इसकी कीमत 2 हजार रूपये के आसपास जा पहुंची है. हालांकि इसके बावजूद काली फिल्म सहज तरीके से बाजार में उपलब्ध नहीं रहती.
सभी के द्वारा नियमों का पालन करते हहुए ही वाहन का प्रयोग करना अनिवार्य है. चूंकि सुप्रीम कोर्ट एवं राज्य सरकार द्वारा काली फिल्म का प्रयोग करना बैन किया गया है. ऐसे में अब लोगोें द्वारा काली फिल्म का प्रयोग अपने वाहनों के कांच पर नहीं किया जाना चाहिए. अन्यथा ऐसा करने पर संबंधितों के खिलाफ निश्चित रूप से कानूनी व दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी.
– विक्रम साली
पुलिस उपायुक्त, अमरावती शहर