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विधायक वजाहत मिर्जा के नाम पर मांगी गई एक करोड की रिश्वत

नागपुर एसीबी ने जाल बिछाकर एक आरोपी को रंगेहाथ धर दबोचा

* 25 लाख रुपए में तय हुआ था लेन-देन का मामला
* यवतमाल एमआईडीसी का क्लास-3 टेक्निशियन फंसा एसीबी की जाल में
* दिलीप खोडे के तौर पर हुई गिरफ्त में आए आरोपी की शिनाख्त
* दूसरा नामजद आरोपी शेखर भोयर इस समय मुंबई में
नागपुर/दि.29 – कांग्रेस से विधान परिषद सदस्य रहने वाले वजाहत मिर्जा के नाम पर दो लोगों द्बारा एक सरकारी अधिकारी से उसके खिलाफ मिली दो शिकायतों को निपटाने के लिए 50-50 लाख ऐसे कुल एक करोड रुपए की रिश्वत मांगे जाने का मामला सामने आया है. इस मामले में शिकायतकर्ता सरकारी अधिकारी ने रिश्वत मांगने वाले दोनों लोगों के साथ बातचीत करते हुए 25 लाख रुपए में लेन-देन की बात तय की थी और इसकी जानकारी भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग को दी थी. जिसके आधार पर नागपुर एसीबी के दल ने कल जाल बिछाकर दिलीप वामनराव खोडे (50, हिरानंदानी मिडोज, ठाणे पश्चिम) नामक आरोपी को अपनी हिरासत में लिया. वहीं शिकायत में नामजद कराया गया शेखर भोयर (अमरावती) नामक दूसरा आरोपी इस कार्रवाई के समय मौके पर मौजूद नहीं था. बल्कि मुंबई गया हुआ था. ऐसी जानकारी प्राप्त हुई है. वहीं इस मामले के सामने आते ही विधायक वजाहत मिर्जा ने अपना पल्ला झाडते हुए कहा कि, उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है और वे अपने नाम पर रिश्वत मांगने वाले दोनों में से एक भी आरोपी को व्यक्तिगत तौर पर नहीं जानते, बल्कि उन्हें प्रसार माध्यमों के जरिए ही इस मामले की जानकारी मिली है.
इस संदर्भ में मिली विस्तुत जानकारी के अनुसार सरकार सेवा में रहने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ उसी के महकमे की महिला अधिकारी ने विनयभंग संबंधि शिकायत दर्ज कराई थी और इसकी जानकारी कांग्रेस विधायक वजाहत मिर्जा को देते हुए यह मामला विधान परिषद में उठाने हेतु कहा था. जिसके चलते विधायक वजाहत मिर्जा ने यह मामला विधान मंडल के सत्र में उठाने के साथ ही संबंधित वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उपस्थित की थी. इसी बात को पकडकर यवतमाल की एमआईडीसी में तृतीय श्रेणी कर्मचारी के तौर पर टेक्निशियन के रुप में काम करने वाले दिलीप खोडे व अमरावती निवासी शेखर भोयर ने उक्त वरिष्ठ अधिकारी से संपर्क किया और खुद को विधायक वजाहत मिर्जा का बेहद नजदीकी बताते हुए कहा कि, अगर वह दो शिकायतों को निपटाने के लिए 50-50 लाख ऐेसे कुल एक करोड रुपए देता है, तो आगे चलकर विधायक मिर्जा द्बारा इस मामले को विधानसभा में नहीं उठाया जाएगा. साथ ही इस मामले को बिना किसी तरह की कार्रवाई के चूपचाप निपटा दिया जाएगा. जिसके बाद संबंधित अधिकारी ने इन दोनों से एक करोड रुपए की रकम बहुत अधिक रहने की बात कहते हुए मामले को निपटाने के लिए 25 लाख रुपए देने की तैयारी दर्शायी और दोनों आरोपियों द्बारा 25 लाख रुपए की रकम स्वीकार करने हेतु हामी भरे जाते ही इसकी शिकायत नागपुर एसीबी को दी. पश्चात एसीबी के अधिकारियों ने इस शिकायत की अपनी स्तर पर प्राथमिक जांच करते हुए कार्रवाई करने की तैयारी की. जिसके पश्चात पहले से तय हुई बातचीत के अनुसार संबंधित अधिकारी 25 लाख रुपए की रकम लेकर मंगलवार की शाम रवि भवन में पहुंचा. जहां पर दिलीप खोडे अकेले ही उपस्थित था और उसने संबंधित अधिकारी से जैसे ही रिश्वत की रकम स्वीकार की वैसे ही वहां पर पहले से जाल बिछाए बैठे एसीबी के अधिकारियों ने दिलीप खोडे को अपनी हिरासत में लिया, तो उसने खुद को विधायक वजाहत मिर्जा का व्यक्ति बताते हुए एसीबी के अधिकारियों पर रौब डालने का प्रयास भी किया. लेकिन इससे बिना प्रभावित हुए एसीबी के अधिकारियों ने दिलीप खोडे को अपनी हिरासत में लेकर पूछताछ करनी शुरु की तथा उसके दूसरी साथी शेखर भोयर के बारे में पूछा, तो पता चला कि, शेखर भोयर उस समय किसी काम के चलते मुंबई में था. ऐसे में पुलिस अब शेखर भोयर की भी तलाश कर रही है.

* मेरा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं
वहीं इस मामले को लेकर विधायक वजाहत मिर्जा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, उनका इस मामले से कोई लेन-देन नहीं है और वे इस मामले में पकडे गए दोनों आरोपियों में से किसी को भी व्यक्तिगत तौर पर नहीं जानते है. बल्कि उन्हें इस मामले की जानकारी मीडिया के जरिए ही पता चली है. विधायक मिर्जा ने यह भी कहा कि, उनके पास कई लोग अपनी समस्याएं लेकर आते है. जिसमें से योग्य मामलों को वे विधान परिषद में उपस्थित करते है और कभी आवश्यक पत्र भी जारी करते है. एक महिला अधिकारी से संबंधित मामला भी उन्होंने ही विधान परिषद में उठाया था. ऐसे में संभवत: उनके नाम का दुरुपयोग करते हुए कुछ लोगों ने गलत काम किया है.

* दिलीप खोडे क्लास-3 कर्मचारी, लेकिन घर हिरानंदानी में
विशेष उल्लेखनीय है कि, इस मामले में गिरफ्तार दिलीप खोडे यवतमाल की एमआईडीसी में टेक्निशियन के पद पर कार्यरत है. यह क्लास-3 यानि तृतीय श्रेणी स्तर के कर्मचारी का पद है. लेकिन दिलीप खोडे का पता वुड रोज, हिरानंदानी मिडोज, ठाणे पश्चिम लिखा हुआ है. यह सर्वज्ञात है कि, हिरानंदानी में घर लेने का सर्वसामान्य व्यक्ति सपना भी नहीं देख सकता. ऐसी स्थिति में एक तृतीय श्रेणी कर्मचारी का पता देखकर कार्रवाई करने वाले एसीबी के अधिकारियों को भी बेहद आश्चर्य हुआ.

* कहीं वह यह मामला तो नहीं
उल्लेखनीय है कि, कल ही मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने महिला मोटर वाहन निरीक्षक की लैंगिक प्रताडना मामले में नागपुर के प्रादेशिक परिवहन अधिकारी रवींद्र भुयार तथा महिला शिकायत निवारण समिति को नोटीस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए है. इस मामले में महिला मोटर वाहन निरीक्षक ने आरटीओ रवींद्र भुयार पर अपने साथ छेडछाड करने की शिकायत दर्ज करने के साथ ही वरिष्इ स्तर दिवानी न्यायालय द्बारा सुनाए गए फैैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जहां पर न्या. अविनाश घरोटे के समक्ष इस याचिका पर सुनवाई हुई. याचिकाकर्ता महिला का कहना रहा कि, वरिष्ठ स्तर दिवानी न्यायालय ने रवींद्र भुयार के दावे की दखल लेकर उनके खिलाफ इस मामले में शुरु रहने वाली कार्रवाई को स्थगिती दी थी. इसी दौरान महिला शिकायत निवारण समिति ने 1 मार्च 2023 को अपनी रिपोर्ट परिवहन आयुक्त को पेश की थी. परंतु अदालत के मनाई हुकूम की वजह से इस पर अगली कार्रवाई नहीं हो पाई. अत: इस मामले में दिवानी न्यायालय के विवादास्पद आदेश को रद्द करते हुए महिला शिकायत निवारण समिति की रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई की जाए.
दबी जुबान में चर्चा चल रही है कि, जिस मामले में विधायक वजाहत मिर्जा का नाम लेकर एक अधिकारी से महिला अधिकारी की शिकायत को दबाने के लिए 1 करोड रुपए की रिश्वत मांगी गई थी. कहीं वह मामला यहीं तो नहीं. जिसमें कल हाईकोर्ट ने नागपुर के आरटीओ रवींद्र भुयार सहित महिला शिकायत निवारण समिति के नाम नोटीस जारी की है. हालांकि इस बात की अभी अधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं हुई है.

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