अमरावती/दि.२१- आत्महत्याग्रस्त किसानों के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए और कृषक विरोधी कानून का विरोध करने के लिए शहर के पंचवटी चौक में डॉ.पंजाबराव देशमुख पुतला परिसर में एक दिवसीय भूख हड़ताल की गई. संयुक्त किसान मोर्चा, आपुलकी परिवार व राष्ट्रीय ओबीसी किसान महासंघ द्वारा अन्नत्याग आंदोलन किया गया. किसानों की आत्महत्या को राष्ट्रीय आपदा समझकर उपाय योजना करना जरूरी था. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इसलिए नागरिक के रूप में सभी की जिम्मेदारी को देखते हुए १९ मार्च को अनशन कर किसानों के प्रति हमदर्दी जताई गई.प्रकाश साबले, संजय पांडव, प्रमोद कुचे, दिलीप काले, हरिभाऊ मोहोड, पौर्णिमा सवाई, विजय विल्हेकर, धनंजय काकडे, नितीन पवित्रकार, धनंजय तोटे, नीलेश उभाड, राहुल तायडे, आशीष कालमेघ, मिलींद वंजारी, किरण महल्ले, अमोल भारसाकले सहित कई नागरिक व सभी राजनीतिक दल के कार्यकर्ता आंदोलन में सहभागी हुए. यवतमाल जिले के चिलगवाण में १९ मार्च १९८६ में एक किसान ने अपने परिवार समेत आत्महत्या करने की घटना हुई थी. इस घटना को ३७ साल हो गए है. इसलिए अन्नत्याग आंदोलन के लिए १९ मार्च यह तारीख तय की गई थी, ऐसा धनंजय काकडे ने बताया.