अमरावती/ दि. 05- कनिष्ठ महाविद्यालय में कार्य करने वाले अनेक शिक्षकों की मांगे विगत कई वर्षो से प्रलंबित रहने के कारण अब यह शिक्षक आंदोलन का रास्ता लेकर सरकार से अपनी मांगे पुरी कराने के लिए मैदान में उतर गए है. मंगलवार को विदर्भ जुनियर कॉलेज टिचर्स असोसिएशन की ओर से अमरावती जिला ग्रामीण की ओर से शिक्षणाधिकारी कार्यालय पर अपनी मांगो को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया.
धरना प्रदर्शन के दौरान शिक्षणाधिकारी के मार्फत संगठन पदाधिकारियों ने शालेय शिक्षामंत्री, शालेय शिक्षा विभाग अपर सचिव, शिक्षण आयुक्त पुणे, संचालक पुणे को पत्र भेज कर मांग रखी की पिछले एक वर्ष से कनिष्ठ महाविद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षकों व्दारा अपनी मांगो को लेकर फरवरी/मार्च में आंदोलन कर शासन का ध्यानकर्षण किया था. किंतु अभी तक उन मांगो पर किसी तरह का कोई ध्यान नहीं दिया गया. निवेदन में मांग की गयी है कि राज्य में कक्षा 11वीं व 12वीं की कला व वाणिज्य कक्षाओं में विद्यार्थी की संख्या दिन ब दिन कम होती जा रही है. संस्था का अनुदानित हिस्सा कम होता जा रहा है. जिसके कारण कला, वाणिज्य, व विज्ञान शाखा में माध्यमिक संलग्न वर्गो में कुल 21 विद्यार्थी व महाविद्यालय संलग्न वर्गो में कुल 31 विद्यार्थी बैठा कर वर्गो को बचाया जा सकता है.1 नवंबर 2025 के पूर्व टप्पा अनुदान में नियुक्त शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना में समावेश करें. पेंशन विषय में होने वाली दिक्कतों को तुरंत दुर करें, सेवानिवृत होने पर योजना तुरंत लाभ दे. 1 नवंबर 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना नियम 1982 की तरह लागु करें जैसी अनेक मांगो को सरकार के समक्ष रखा. इस समय रविन्द्र कावरे, मंगेश कांडलकर, विनय काले, अरविंद मंगले, रमेश खाडे, रविन्द्र कावरे, विनय काले, रविन्द्र तोंडगांवकर, मंगेश कांडलकर, आनंद देशमुख, प्रदीप शेवतकर सहित सैकड़ो शिक्षक व असोसिएशन के पदाधिकारी उपस्थित थे.