अमरावती

अगले महिने एक दिन का वेतन कम मिलेगा!

मुख्यमंत्री सहायता निधि में कराया जाएगा जमा

अमरावती/दि.19 – राज्य में बेमौसम बारिश व अतिवृष्टि की वजह से नुकसान का सामना करने वाले किसानों को सहायता देने हेतु राज्य के सभी भारतीय प्रशासन सेवा के अधिकारियों तथा महाराष्ट्र सरकार की सेवा के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के एक दिन का वेतन काटने का निर्णय राज्य सरकार द्बारा लिया गया है. यह कटौती जून माह के वेतन से की जाएगी, ऐसी जानकारी है.
प्राकृतिक आपदा के चलते बारिश के मौसम में किसानों का काफी नुकसान हुआ. जिसके बाद मार्च माह से शुरु हुई बेमौसम बारिश की वजह से रबी फसलों तथा फल बागानों का भी बडे पैमाने पर नुकसान हुआ. ऐसे सभी किसानों को सहायता का हाथ देने हेतु सरकार ने अपने अधिकारियों व कर्मचारियों के एक दिन के वेतन की राशि काटकर उसे मुख्यमंत्री सहायता निधि में जमा करने का निर्णय लिया है. इस निधि के जरिए नुकसान प्रभावित किसानों को सहायता प्रदान की जाएगी. विशेष उल्लेखनीय है कि, यह वेतन कटौती अनिवार्य नहीं, बल्कि एैच्छिक है और यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी इस कार्य हेतु अपना एक दिन का वेतन नहीं देना चहता है, तो वह इससे इंकार कर सकता है और इस संदर्भ में वेतन विभाग को पूर्व सुचना दे सकता है.

* बेमौसम बारिश से जिले में कितना नुकसान?
बेमौसम बारिश की वजह से अब तक खरीफ व रबी सीजन के दौरान जिले में कम से कम 2.10 लाख हेक्टेअर कृषि क्षेत्र में फसलों का नुकसान किया है और इस आपदा के चलते किसानों को कम से कम 1 हजार करोड रुपयों का झटका लगा है. जिसके चलते वे आर्थिक दिक्कतों में फंस गए है.

* आपदाग्रस्त किसानों के लिए वेतन कटौती
प्राकृतिक आपदा से बाधित किसानों को सहायता प्रदान करने हेतु भारतीय प्रशासन सेवा के अधिकारियों सहित महाराष्ट्र राज्य सेवा के अधिकारियों व कर्मचारियों के जून माह के वेतन से एक दिन की कटौती की जाएगी और इस रकम को मुख्यमंत्री सहायता निधि में जमा कराते हुए किसानों को सहायता राशि प्रदान की जाएगी.

* क्या कहते है सरकारी कर्मचारी?
इस संदर्भ में कुछ सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों से बात करने पर उनका कहना रहा कि, यद्यपि इस वेतन कटौती को एैच्छिक रखा गया है. लेकिन किसान भी हमारे परिवार और समाज का हिस्सा है. ऐसे में उनके लिए अपना एक दिन का वेतन देने से शायद ही कोई मना करेगा. कुछ सरकारी कर्मचारियों के मुताबिक जिस तरह वे अपना एक दिन का वेतन देने के लिए तैयार है, उसी तरह राज्य सरकार ने भी मुख्यमंत्री सहायता निधि में अपना अंशदान देना चाहिए.

 

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