अमरावती

जरूरतमंद परिवारों का आधार बनेगा ‘एक हाथ सहायता का’

राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात का कथन

  • 14 तहसीलों के 192 परिवारों का समावेश

  • 57 लाख 60 हजार रूपये की सहायता घोषित

अमरावती/दि.25 – कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान घर के प्रमुख व कर्ता पुरूष को खो देनेवाले परिवारों की महिलाओं व बच्चों के लिए ‘एक हाथ सहायता का’ कार्यक्रम आर्थिक मदद के साथ-साथ आधार भी बनेगा. इस आशय का विश्वास राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने व्यक्त किया.
अपने एक दिवसीय दौरे के तहत अमरावती पहुंचे राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात के हाथों कोविड संक्रमण की वजह से बेसहारा हुए परिवारों की महिलाओं व बच्चों को उदरनिर्वाह व नये व्यवसाय के लिए 30-30 हजार रूपये का धनादेश वितरित किया गया. इस उपलक्ष्य में श्रीमती विमलाबाई देशमुख सभागृह में महिला आर्थिक विकास महामंडल, रामचंद्र युवक कल्याण संस्था तथा सह्याद्री फाउंडेशन की ओर से सहायता राशि वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर सहित विधायक बलवंत वानखडे, जिला परिषद अध्यक्ष बबलू देशमुख तथा जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक के अध्यक्ष सुधाकर भारसाकले, पूर्व महापौर व पार्षद विलास इंगाले, सह्याद्री फाउंडेशन के विजय क्षीरसागर, महिला आर्थिक विकास महामंडल के जिला समन्वय अधिकारी सुनील सोसे, पूर्व विधायक वीरेंद्र जगताप व नरेशचंद्र ठाकरे बतौर प्रमुख अतिथि उपस्थित थे.
इस अवसर पर राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने कहा कि, कोविड संक्रमण की पहली लहर खत्म होते-होते अमरावती शहर से संक्रमण की दूसरी लहर शुरू हुई. जिससे निपटने हेतु स्वास्थ्य, पुलिस व राजस्व विभाग के साथ ही आशावर्कस्, अन्य सरकारी विभाग व स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा महत प्रयास किये गये. जिनके दम पर संक्रमण की दूसरी लहर को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त हुई. लेकिन इस दौरान कई परिवारों के प्रमुख व कर्ता पुरूष संक्रमण की चपेट में आकर मौत का शिकार हुए और उनके परिवार बेसहारा हो गये. ऐसे परिवारों के लिए ‘एक हाथ सहायता का’ कार्यक्रम निश्चित तौर पर सहायक साबित होगा और वे इस सहायता के जरिये अपने जीवन की नई शुरूआत कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि, इस कार्यक्रम के तहत अमरावती जिले के 14 तहसीलों में 192 परिवारों को 57 लाख 60 हजार रूपयों की सहायता प्रदान की जा रही है. जिसके लिए स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा सहयोग किया जा रहा है. इसके साथ ही महिला व बालविकास विभाग की ओर से कोविड संक्रमण काल के दौरान अपने दोनों अभिभावक खो चुके बच्चों को संभालनेवाले रिश्तेदारों को प्रति माह आर्थिक सहायता दी जाती है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, यद्यपि इस समय कोविड संक्रमण का असर कम हुआ है, किंतु खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है. ऐसे में हर एक व्यक्ति ने कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का कडाई से पालन करना चाहिए.
वहीं इस समय राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, घर के कर्ता व प्रमुख पुरूष सदस्य के नहीं रहने पर परिवार की महिलाओं पर दोहरी जिम्मेदारी आ जाती है. ऐसे समय महिलाओं का पूरी तरह से धीर-गंभीर रहना बेहद जरूरी है. अत: महिलाओं ने आत्मनिर्भर होने का प्रयास करना चाहिए और अपने आर्थिक निर्णय को लेकलर सक्षम बनना चाहिए. ऐसी सभी महिलाओं के साथ सरकार, प्रशासन व पालकमंत्री होने के नाते वे हमेशा रहेगी. इस अवसर पर कोविड के चलते बेसहारा हुई महिलाओं को सांकेतिक स्वरूप में धनादेश का वितरण किया गया. कार्यक्रम में प्रास्ताविक सुनील सोसे व आभार प्रदर्शन प्रिती गवई ने किया.

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