अमरावती

डेढ साल से बंद पडा है एक हजार केवी का सौर उर्जा प्रकल्प

महावितरण ने निजी कंपनी की मदद से 4 वर्ष पहले किया था शुरु

* सौर प्रकल्प में जगह-जगह उग आयी झाडियां, लापरवाही व अनदेखी उजागर
अमरावती/दि.03– केंद्र सरकार की निधी से 4 वर्ष पहले करीब एक हजार किलो वैट विद्युत निर्मिति के लिए सौर उर्जा प्रकल्प शुरु किया गया था, जो कुछ महिनों तक तो सुचारु रुप से चला और इसके जरिए उत्पादित की जाने वाली बिजली बडनेरा उपकेंद्र के 4 फीडरों पर दी जाती थी. परंतु करोडों रुपयों के खर्च से स्थापित किया गया यह प्रकल्प विविध प्रशासकीय कारणों के चलते विगत डेढ वर्ष से बंद पडा है और देखभाल व रखरखाव का अभाव रहने के चलतेे इस प्रकल्प में लगाए गए सौर उर्जा पैनलों के चारों ओर झाड झंखाड उग आए है. जिनकी वजह से सौर पैनलों के क्षतिग्रस्त होने की भी संभावना बनी हुई है.
उल्लेखनीय है कि, राज्य में सौर उर्जा से विद्युत निर्मिति हो, इस हेतु विगत कुछ वर्षों से सरकार बडे पैमाने पर काम कर रही है. इसके तहत घरेलू उपयोग वाली बिजली बनाने हेतु घरों की छतों पर सौर उर्जा प्रकल्प लगाए जा रहे है. वहीं किसानों को पूरा दिन बिजली मिले, इस हेतु सरकारी व निजी जगहों को अधिकग्रहित करते हुए सौर उर्जा प्रकल्प शुरु किए जा रहे है. जिसके लिए सरकार द्बारा अनुदान भी दिया जाता है. परंतु बडनेरा के निकट वर्ष 2019 में करीब 1 हजार किलो वैट विद्युत निर्मिति करने हेतु शुरु किया गया प्रकल्प विगत करीब डेढ वर्ष से बंद पडा है. इस प्रकल्प स्थल पर लगाए गए हजारों सौर पैनलों के आसपास पेड-पौधे और झाडियां उग आए है. इसमेें से कुछ पेड इतने बडे हो गए है कि, उनकी छाया सोलर पैनल पर पडनी लगी है. साथ ही इन पेड-पौधों की वजह से इन सोलर पैनलों के क्षतिग्रस्त होने की भी पूरी संभावना है.
जानकारी के मुताबिक महावितरण ने इस प्रकल्प को निजी कंपनी की सहायता से शुरु किया था. परंतु यह प्रकल्प बंद क्यों पड गया. इसका कोई ठोस कारण अब तक महावितरण की ओर से सामने नहीं आया है. परंतु यह प्रकल्प बंद हो जाने की वजह से करोडों रुपयों का खर्च बर्बाद हो गया. यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है. वहीं दूसरी ओर अस्तित्व में रहने वाले प्रकल्प की अनदेखी करते हुए एक नये प्रकल्प को शुरु करने के लिए दिन-रात एक करने का पराक्रम फिलहाल महावितरण द्बारा किया जा रहा है. यदि यह प्रकल्प शुरु रहा होता, तो यहां से उत्पादित होने वाली बिजली के जरिए बडनेरा परिसर के कई गांवों को विद्युत आपूर्ति करना संभव हो पाता.

* इन 4 फीडरों को मिलती थी बिजली
बडनेरा उपकेंद्र अंतर्गत आने वाले नांदगांव खंडेश्वर, लोणी, अंजनगांव बारी तथा एचटी (उच्च दाब आपूर्ति) करने वाले ऐसे कुल 4 फीडरों को इस प्रकल्प से पैदा होने वाली बिजली उपलब्ध कराई जाती थी. परंतु फरवरी 2022 से यह सौर उर्जा प्रकल्प प्रशासकीय कारणों के चलते बंद पडा हुआ है और इसके पीछे रहने वाली प्रशासकीय वजहें खुद महावितरण के स्थानीय अधिकारियों को भी पता नहीं है.

* प्रकल्प स्थापित करने पर हुआ था 7 करोड का खर्च
इस प्रकल्प के लिए निश्चित तौर पर कितनी निधी खर्च हुई थी. इससे संबंधित अधिकृत जानकारी महावितरण से प्राप्त नहीं हुई है. परंतु मौजूदा स्थिति में घरेलू सौर उर्जा प्रकल्प हेतु 1 किलो वैट विद्युत निर्मिर्ति के लिए 40 से 50 हजार रुपए का खर्च आता है. इस विभाग के 1 हजार किलो वैट की विद्युत निर्मिति क्षमता वाले इस प्रकल्प के लिए करीब 4 करोड रुपए का खर्च होने का सीधा अनुमान जताया जा सकता है.

* प्रकल्प के बारे में जानकारी नहीं
मैं अभी यहां पर नया आया हूं और मुझे इस प्रकल्प के बारे में कोई जानकारी नहीं है. इस संदर्भ में मुझे संबंधितों से जानकारी लेनी होगी. तब मैं इस बारे में कुछ कह सकूंगा.
– सुशिल शिंदे,
अधिक्षक अभियंता, महावितरण

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