अमरावती

डेढ सौ रूपये के लिए खोलना पडेगा एक हजार रूपये का बैंक खाता

शालेय पोषाहार योजना में गरीब अभिभावकों पर आर्थिक बोझ

अमरावती/दि.2 – चूंकि इस समय कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए सभी शालाएं पूरी तरह से बंद है. ऐसे में शालाओं में चलायी जानेवाली शालेय पोषाहार योजना पर प्रति विद्यार्थी खर्च की जानेवाली रकम को अब सीधे विद्यार्थियों के खाते में जमा करने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है. किंतु राज्य सरकार द्वारा विद्यार्थियों के खाते में केवल डेढ-डेढ सौ रूपये जमा कराये जायेंगे और इसके लिए विद्यार्थियों के अभिभावकों को अपने पल्ले से हजार रूपये खर्च करते हुए बैंक खाता खोलना होगा, जो एक तरह से इन गरीब अभिभावकों के लिए आर्थिक बोझ की तरह है.
सरकार के निर्देशानुसार केवल ग्रीष्मकालीन अवकाश के पोषण आहार की रकम ही विद्यार्थियों के खाते में जमा करायी जायेगी. कक्षा 1 ली से कक्षा 5 वीं के विद्यार्थियों हेतु प्रति विद्यार्थी रोजाना 4.48 रूपये दिये जाते है. वहीं कक्षा 6 वीं से कक्षा 8 वीं के विद्यार्थियों हेतु रोजाना 6.71 रूपये दिये जाते है. यदि दो माह के कामकाजी दिनों की गणना की जाये, तो 1 ली से 5 वीं की कक्षा के विद्यार्थियों को 156.80 रूपये तथा कक्षा 6 वीं से 8 वीं के विद्यार्थियों को 244.85 रूपये मिलेंगे और यह रकम उनके बैंक खातों में जमा करायी जायेगी. किंतु इसके लिए बैंक खाता खोलने हेतु 1 हजार रूपये अपने पल्ले से खर्च करने होंगे. इसके अलावा बैंक खाता खोलने में लगभग एक पूरा दिन चला जाता है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के अभिभावकों को अपनी एक दिन की मजदूरी यानी रोजंदारी पर पानी छोडना होगा.
उल्लेखनीय है कि, इससे पहले शालेय विद्यार्थियों को सुवर्ण महोत्सवी अल्पसंख्याक सावित्रीबाई फुले छात्रवृत्ति योजना के लिए भी बैंक खाते खोलने हेतु कहा गया था, लेकिन कई अभिभावकों ने इसके लिए बैंक खाते नहीं खोले. वहीं जिन अभिभावकों द्वारा इस हेतु बैंक खाते खोले गये, उनके बैंक खाते में कोई व्यवहार नहीं हुआ और खाते में न्यूनतम राशि नहीं रहने की वजह से कई बैंक खाते बंद भी पड गये. साथ ही कई लोगों को पेनॉल्टी भी भरनी पडी. जिसकी वजह से कई अभिभावकों में इसे लेकर जबर्दस्त रोष की लहर है.

लाभ की बजाय भुर्दंड अधिक

पोषाहार की बजाय अब विद्यार्थियों को अनुदान की राशि दी जायेगी. जिसके लिए कक्षा 1 ली से 5 वीं के विद्यार्थियों को 156.80 रूपये तथा 6 वीं से 8 वीं के विद्यार्थियों को 244.85 रूपये मिलेंगे. यह रकम उनके बैंक खातों में जमा करायी जायेगी, लेकिन इस हेतु बैंक में खाता खोलने के लिए 1 हजार रूपये जमा कराने होंगे. ऐसे में मिलनेवाले लाभ की तुलना में होनेवाला खर्च अधिक रहने के चलते कई अभिभावक इस प्रक्रिया में शामिल होना टाल रहे है.

  • सरकार ने पोषण आहार की बजाय विद्यार्थियों के बैंक खाते में डीबीटी के जरिये रकम जमा करने का निर्णय लिया है. जिसके अनुसार सभी शालाओं को आवश्यक दिशानिर्देश दिये गये है. साथ ही आगे भी वरिष्ठ स्तर से मिलनेवाले निर्देशों के अनुसार काम किया जायेगा.
    – एजाज खान
    शिक्षाधिकारी, प्राथमिक, जिप अमरावती.

अभिभावकों का सिरदर्द बढा

कई अभिभावकों के मुताबिक सरकारी व अनुदानित शालाओं में पढनेवाले बच्चे बेहद गरीब व सामान्य पृष्ठभुमि से आते है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों के अभिभावकों की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर रहती है. ऐसे में मात्र 150 से 200 रूपये का लाभ पाने हेतु अपनी जेब से 1 हजार रूपये भरते हुए बच्चों के नाम पर बैैंक का खाता खोलना उनके लिए काफी मुश्किल काम है. साथ ही यह खाता खोलने के लिए उन्हें अपनी एक दिन की रोजंदारी भी छोडनी होगी. ऐसे में इस प्रक्रिया को अभिभावकों के लिए काफी सिरदर्दवाला माना जा रहा है.

156.80 रूपये – 1 ली से 5 वीं के विद्यार्थियों को मिलेंगे
244.85 रूपये – 6 वीं से 8 वीं के विद्यार्थियों को मिलेंगे

किस कक्षा में कितने विद्यार्थी

1 ली – 38,715
2 री – 40,270
3 री – 43,801
4 थी – 45,203
5 वीं – 44,033
6 वीं – 44,727
7 वीं – 44,318
8 वीं – 44,743

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