अमरावती

अस्पताल में हंगामा मचाने वाले को एक वर्ष कारावास

अमरावती जिला अस्पताल की घटना

* सरकारी काम में बाधा डालने का अपराध दर्ज किया था
अमरावती/ दि19- मरीज महिला की इलाज के दौरान मौत हो जाने के बाद जिला अस्पताल में डॉक्टर के साथ गालिगलौच कर सरकारी काम में बाधा निर्माण करते हुए हंगामा मचाने वाले एक आरोपी को जिला न्यायालय क्रमांक 3 के न्यायमूर्ति आर. वी. ताम्हणेकर की अदालत ने एक वर्ष कारावास की सजा सुनाई. बिच्छु टेकडी निवासी फिरोज खान सुलतान खान यह सजा पाने वाले आरोपी का नाम है. यह घटना इर्विन अस्पताल में 4 दिसंबर 2012 को घटी थी.
जानकारी के अनुसार 4 दिसंबर 2012 की सुबह 7.30 बजे मरीज शकीला बानो की मौत हो गई. इसके बाद वहां तैनात डॉ. अभिषेक नायडू ने प्रमाण पत्र जारी किया, परंतु इलाज सही ढंग से नहीं किया गया. इस वजह से मौत हुई है, ऐसा आरोप लगाते हुए मृत महिला के रिश्तेदारों ने आईसीयु में जाकर कांच व अन्य सामग्री फोड डाली. इसके बाद डॉ. अभिषेक नायडू को गालिया दी. उसी दिन तैनात परिचारिका के शरीर पर जाकर मारने का प्रयास किया. उस समय आरोपी फिरोज खान व एक व्यक्ति वहां उपस्थित था. सरकारी काम में बाधा डालने की शिकायत डॉ. नायडू ने सिटी कोतवाली पुलिस थाने में दी. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर तहकीकात के अदालत में दोषारोपपत्र दायर किया था.

इस तरह सुनाई सजा
इस मामले में सरकारी पक्ष की ओर से अतिरिक्त सरकारी वकील कौस्तुभ सुधाकर लवाटे ने आठ गवाहों के बयान लिये. दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद जिला व सत्र न्यायालय क्रमांक 3 के न्यायमूर्ति रविंद्र वी. ताम्हणेकर की अदालत ने आरोपी फिरोज खान सुलतान खान को दोषी करार देते हुए दफा 353 के तहत एक वर्ष कारावास व 2 हजार रुपए जुर्माना और जुर्माना न भरने पर एक माह अतिरिक्त कारावास, धारा 427 के अनुसार छह माह कारावास व 1 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर 15 दिन अतिरिक्त कारावास, धारा 3 सार्वजनिक प्रापार्टी हानि प्रतिबंध अधिनिय के उनसार एक वर्ष कारावास व 5 हजार रुपए जुर्माना और जुर्माना न भरने पर तीन माह की अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई. इस मुकदमे में सरकारी वकील कौस्तुभ सुधाकर लवाटे ने दलीले पेश की. पैरवी अधिकारी के रुप में काँस्टेबल बाबूराव मेश्राम, एनपीसी अरुण हटवार, विजय आडे ने सहयोग किया.

 

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