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धनादेश अनादर मामले में एक साल की कैद

या 30 दिन के भीतर अदा करनी होगी ब्याज सहित उधारी की रकम

अमरावती/दि.5– पांच लाख रूपये का धनादेश अनादरित होने से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों का युक्तिवाद सुनने के बाद स्थानीय जिला व सत्र न्यायालय के प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी प्रितेश भंडारी की अदालत ने नरेंद्र रामदासपंत काठोले को धनादेश अनादर के मामले का दोषी करार दिया. साथ ही उन्हेें आगामी 30 दिन के भीतर शिकायतकर्ता अनिल मोतीलाल झंवर को 7 लाख 99 हजार 750 रूपये अदा करने का आदेश दिया और यह भूगतान अदा नहीं करने की सुरत में एक साल के कारावास की सजा सुनाई.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक मालटेकडी रोड स्थित काजी कंपाउंड निवासी अनिल मोतीलाल झंवर (60) से शिलांगण रोड स्थित कृष्णार्पण कालोनी निवासी नरेेंद्र रामदासपंत काठोले ने आपसी जान-पहचान के आधार पर मार्च 2016 में दो माह के लिए पांच लाख रूपये की रकम उधार ली थी. जिसकी ऐवज में काठोले ने झंवर को बैंक ऑफ महाराष्ट्र की राजापेठ शाखा का पांच लाख रूपये का चेक दिया था. जिसे तय समय पर अनिल झंवर द्वारा भुनाने हेतु बैंक में प्रस्तुत किया गया. परंतु नरेंद्र काठोले के खाते में पर्याप्त रकम नहीं रहने के चलते यह चेक अनादरित हो गया. पश्चात अनिल झंवर ने 8 जुलाई 2016 को अपने वकील के मार्फत नोटीस देते हुए नरेंद्र काठोले से अपने पांच लाख रूपये वापिस लौटाने हेतु कहा. परंतु काठोले की ओर से इसे लेकर कोई जवाब नहीं आया. जिसके चलते अनिल झंवर ने इसे लेकर पुलिस में मामला दर्ज कराने के साथ-साथ अदालत की शरण ली और अदालत ने दोनों पक्षों का युक्तिवाद सुनने के बाद नरेंद्र काठोले को धनादेश अनादरण का दोषी करार देते हुए आदेश जारी किया कि, नरेंद्र काठोले द्वारा 30 दिन के भीतर अनिल झंवर को 7 लाख 99 हजार 750 रूपये वापिस लौटाये जाये और यदि काठोले ऐसा करने में असमर्थ रहते है, तो उन्हें एक साल का कारावास भुगतना होगा. इसके साथ ही अदालत ने नरेंद्र काठोले को इससे पहले प्रदान की गई जमानत को भी निरस्त कर दिया. इस मामले में याचिकाकर्ता अनिल झंवर की ओर से एड. नितीन झंवर व एड. आकाश मोहता ने सफलतापूर्वक युक्तिवाद किया.

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