अमरावती/दि.19– गाडगे नगर थाना क्षेत्र में अक्तूबर 2016 में हुई विनय भंग और पोक्सो कानून के प्रकरण में 8 साल बाद अदालत का निर्णय आया है. प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश एमआर देशपांडे ने आरोपी विशाल कैलाश भगत (27) को कसूरवार पाकर एक वर्ष सश्रम कारावास और 1 हजार रूपए जुर्माने की सजा आज सुनाई. इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से अतिरिक्त सरकारी वकील प्रफुल्ल प्रकाश तापडिया ने पैरवी की. उन्हें जांच अधिकारी सुलभा राउत और पैरवी अधिकारी मुरलीधर डोईफोडे, अरूण हटवार ने सहकार्य किया. सरकारी वकील के युक्तीवाद को न्यायालय ने मान्य किया.
इस्तगासे के अनुसार गाडगेनगर थाना क्षेत्र के विलास नगर में सरकारी अस्पताल- विकास विद्यालय रोड पर 7 अक्तूबर 2016 को भरी दोपहर 4 बजे आरोपी विशाल भगत ने 14 साल की लडकी से छेडछाड की. शिकायत के अनुसार आरोपी विशाल ने एक साल तक लडकी का पीछा कर उसे परेशान किया. उसका शाला और हॉकी की प्रैक्टीस हेतु स्टेडियम जाना मुश्किल हो गया था. आखिर माता-पिता को पीडिता ने बात बताई और उन्होंने गाडगेनगर थाने में शिकायत दी. आरोपी के कारण पीडिता को शाला से नाम भी निकालना पडा था. पुलिस ने दफा 354 ड और पोक्सो कानून की धारा 12 के तहत अपराध दर्ज कर कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया. कोर्ट ने आरोपी को दोषी पाया.