अमरावतीमहाराष्ट्र

सुबह प्याज भजीए, शाम को बे्रड पकोडा, मूंग पकोडा

सुभाष गुप्ता के हाथ में स्वाद

* पुत्र-पुत्री अमन व अर्चिता को खूब पढाना है
अमरावती/दि.20– इस कॉलम में लगातार तीसरे दिन गांधी चौक के ही सडक किनारे लगने वाले ठेला संचालक की जानकारी दी जा रही है. इसके लिए परिसर के लोग ही आग्रही रहे हैं. पंकज साहू के बारे में समाचार प्रकाशित करने के बाद अनेक लोगों ने सुभाष गुप्ता और योगेश डोबा के भी नाम लेकर उनके विषय में जानकारी प्रकाशित करने का अनुरोध अमरावती मंडल से किया था. अत: इस कडी को फिलहाल गांधी चौक के आसपास जारी रखते हुए आज बात करते हैं सुभाष कडेदीन गुप्ता की. पिछले 5 वर्षों से सुभाष गुप्ता ने गांधी चौक से गुजरने वाले लोगों को प्याज भजीये और मूंग पकोडा खाने की लत लगा दी है. इस कदर स्वाद उनके हाथों में है. जब यह संवाददाता सुभाष गुप्ता से उनका परिचय ले रहा था, तब देखा कि, कई लोग पार्सल ले जा रहे थे. सुभाष का हाथ भी बडा है. यह उन्हें पार्सल पैक करते समय अमरावती मंडल ने देखा.

* दो शिफ्ट में काम
सुभाष गुप्ता ने बताया कि, वे दो शिफ्ट में सडक किनारे किंतु पूरी पवित्रता बरतते हुए नाश्ता का धंधा करते हैं. सुबह 7 बजे उनकी गर्म भजीए, आलू पोहा और मिसल की गाडी लग जाती है, तो शाम 5.30 से 9.30 बजे तक वे ब्रेड पकोडा, वडा पाव, मूंग पकोडा उपलब्ध करवाते है. उनका नाश्ता का रेट 20-30 रुपए प्लेट के हिसाब से मुनासिब लगता है.

* काम पूरता पूरे दिन
बोलचाल की भाषा में कह सकते हैं कि, दोनों ठेले लगाने के साथ अन्य समय में भी सुभाष गुप्ता, पत्नी सुनीता गुप्ता और अन्य सदस्यों को पूरे दिन काम पूरता है. ठेले के लिए अनाज, बेसन, किराना सामग्री और सब्जी तरकारी लानी होती है. उन्हें सुधारकर अधिकांश तैयारी घर पर ही की जाती है. सुभाष गुप्ता थोडे गर्व से ही कहते हैं कि, सुनीता का बडा योगदान है. उनके बगैर काम का लोड बढ जाता है.

* बी-कॉम फाइनल में है अमन
सुभाष के दो बडे भाई गणेश और रमेशभैया है. जबकि पुत्र अमन और पुत्री अर्चिता है. अमन भारतीय महाविद्यालय में बी-कॉम अंतिम वर्ष का छात्र है, तो अर्चिता शहर की प्रसिद्ध बियाणी कॉलेज में बीसीए कर रही है. सुभाष कहते हैं कि, उनकी पत्नी सुनीता के साथ दिन-रात मेहनत अपने बच्चों के बेहतर करियर के लिए ही है. उनका कहना है कि, सब प्रकार के ग्राहक आते हैं. कुछ गुणग्राहक होते हैं, तो कुछ ग्राहक मीनमेख भी निकालते हैं. फिर भी अंबादेवी की कृपा से उनका नाश्ते का धंधा चल निकला है. परिश्रम कर रहे हैं. अंबादेवी दाल-रोटी दे देती है. सपने तो बहुत है. अपनी परिश्रम और लगन के साथ ईश्वर पर बडा भरोसा रखने वाले सुभाष गुप्ता हनुमानजी के नित्य दर्शन करते हैं. उन्हें हनुमानजी की बडी भक्ति है.

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