अमरावती/दि.26 – विगत करीब एक माह तक 150 रुपए के आसपास रहने वाले टमाटर के दाम अब कम हो गए है तथा फूटकर बाजार में टमाटर 50 से 60 रुपए प्रतिकिलो के दाम पर मिलने लगा है. जिसके चलते सर्वसामान्य ग्राहकों को राहत मिली है. परंतु ठीक उसी समय प्यार के दामों में तेजी आनी शुरु हो गई है और विगत एक सप्ताह से फूटकर बाजार में प्याज के दाम 40 से 50 रुपए प्रतिकिलो तक जा पहुंचे है. अमरावती जिले सहित संभाग के पांचों जिलों में प्याज के दामों को लेकर तेजी देखी जा रही है तथा यह स्थिति आने वाले कुछ समय तक ऐसे ही बनी रह सकती है, ऐसा अनुमान है.
बता दें कि, विगत करीब 8 माह तक टमाटर को अपेक्षित दाम नहीं मिल रहा था. जिसकी वजह से किसानों को अपने द्बारा उत्पादित टमाटर अक्षरश: फेंक देना पडा था. जिसके चलते इस बार कई किसानों ने बारिश के मौसम दौरान टमाटर की फसल ही नहीं ली. वहीं बेमौसम बारिश के चलते टमारट का उत्पादन भी घट गया. जिसकी वजह से हमेशा की तुलना में बाजार में केवल 30 फीसद टमाटर की आवक हुई. जिसके परिणाम स्वरुप टमाटर के दाम अचानक ही बढ गए और थोक बाजार में टमाटर के दाम 80 से 100 रुपए प्रतिकिलो के स्तर पर जा पहुंचे. जिसकी वजह से फूटकर बाजार में टमाटर 150 से 160 रुपए प्रतिकिलो के दाम पर बिकने लगा. टमाटर के दामों में पहली बार इतनी अधिक वृद्धि हुई थी. जिसके चलते केंद्र सरकार को भी टमाटर के दामों की ओर ध्यान देना पडा. ऐसे में अब टमाटर के दाम जैसे-तैसे नियंत्रण में आकर आम लोगों की पहुंच में आए है, तो अब प्याज ने रुलाना शुरु कर दिया है. क्योंकि धीरे-धीरे प्याज के दामों में तेजी आनी शुरु हो गई है.
बता दें कि, अमरावती फसल मंडी के थोक सब्जी बाजार में गत वर्ष 249 क्विंटल प्याज की आवक हुई. जिसे 1 हजार रुपए से 4 हजार 500 रुपए प्रति क्विंटल के दाम मिले. अच्छी गुणवत्ता वाले प्याज के दामों में विगत एक सप्ताह के दौरान 500 रुपए की वृद्धि हुई है. वहीं प्याज के न्यूनतम दाम 1 हजार रुपए प्रति क्विंटल के आसपास है. कम गुणवत्ता वाले प्याज की भी अच्छी मांग है. विगत 18 अगस्त को थोक सब्जी मंडी में 279 क्विंटल प्याज की आवक हुई थी. जिसे न्यूनतम 1 हजार रुपए तथा अधिकतम 4 हजार रुपए के दाम मिले थे. प्याज के औसत दाम 2 हजार 500 रुपए के आसपास थे. जिसमें लगातार वृद्धि होकर 25 अगस्त तक औसत दाम 2 हजार 750 रुपए तक जा पहुंचे. वहीं इस समय प्याज की आवक में आधे से भी अधिक कमी आयी है. क्योंकि किसानों के पास प्याज का स्टॉक ही नहीं है. जानकारों के मुताबिक आगामी डेढ माह के दौरान पश्चिम विदर्भ क्षेत्र की फसल मंडियों में प्याज की आवक बेहद कम रहेगी. जिसके चलते प्याज के दामों का स्तर फिलहाल कुछ उंचा ही रहेगा.