अमरावती प्रतिनिधि/दि.२८ – बीते वर्ष प्याज के दर बढ जाने के बाद प्याज बीज की निर्मिती कम प्रमाण में हुई. इसके बाद सीड्स के बीज खरीदकर किसानों ने प्याज का उत्पादन किया. लेकिन कोरोना विपदा के दौर में व्यापारियों सहित बाजार प्रभावित होने से प्याज के दरों में संतोषजनक बढोत्तरी नहीं हुई और कुछ हद तक प्याज की दरों में सुधारणा होते हुए दिख रही है. संतोषजनक बारिश होने से अगले मौसम के लिए किसानों ने प्याज की बुआई की दिशा में अपने कदम बढाए है. लेकिन इस बीच प्याज के बीज मंहगे हो गए है.
बीते वर्ष प्याज की दरों में तेजी आने से प्याज बीज निर्मिती कम प्रमाण में हुई. जिसके चलते इस बार प्याज के बीज की कमी महसूस हुई. परिणास्वरुप प्याज बीजों की कीमतें बढ गई. बीते वर्ष ५०० रुपए प्रति किलो बिक्री के लिए उपलब्ध बीज इस बार २ हजार ५०० से २ हजार ७०० रुपए प्रति किलों भाव में बिक रहे है. एक पायली बीज के लिए ५ हजार से अधिक पैसे गिनने पडरहे है. फिलहाल जिले के प्याज उत्पादक अमरावती सहित यवतमाल, अकोला, नागपुर जिले से प्याज के बीज खरीद रहे है. इस बार की तुलना में पिछले वर्ष प्याज के दरों में तेजी थी इसलिए प्याज बीजों की निर्मिती के बजाय अनेक किसानो ने प्याज की बिक्री पर जोर दिया.
इस बार प्याज के दर कम होने पर भी और संतोषजनक बारिश होने से प्याज उत्पादन को लेकर किसानों ने अपनी दिलचस्पी दिखायी है. इसके लिए सीड्स बीज के बजाया घरेलु बीजों को किसानों ने ज्यादा पंसद बताया है. जिले में इस बार प्याज बीज की कमी महसूस हो रही है. प्याज बीज के मूल्य भी बढ गए है. इस बार खरीफ में सीड्स सोयाबीन बीज से किसानों के साथ धोखाधडी हुई है. अनेक किसानों के खेत में सोयाबीन अंकुरित नहीं हुआ है. जिससे किसानों पर दुबारा बुआई की नौबत आन पडी है. अब प्याज को लेकर यह स्थति निर्माण न हो इसलिए तहसील के किसान चांदूरबाजार व अचलपुर तहसील के बगायतदार किसान मित्रों से मंहगी दरों मे प्याज के बीज खरीद रहे है. बेहतर किस्म के बीज के लिए ५ से ६ हजार रुपए ज्यादा गिनने पड रहे है. वहीं इस बार बारिश संतोषजनक होने से और जलस्तर बढ जाने से प्याज का उत्पादन बढने की संभावना जतायी जा रही है.