बार्टी द्वारा ऑनलाइन प्रबोधन कार्यक्रम संपन्न
संत महात्मा बसवेश्वर का सामाजिक योगदान विषय पर हुआ प्रबोधन
अमरावती/प्रतिनिधि दि.१७ – सामाजिक न्याय और विशेष सहायता विभाग, महाराष्ट्र सरकार अंतर्गत डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, (बार्टी) पुणे के माध्यम से समतादुत प्रकल्प, अमरावती की ओर से महात्मा बसवेश्वर जयंती के अवसर पर समतादुत संभव इंगोले ने ‘संत महात्मा बसवेश्वर के सामाजिक योगदान’ पर एक प्रबोधन कार्यक्रम का ऑनलाइन आयोजन किया था.
इस कार्यक्रम को मुख्य मार्गदर्शक के रूप में नीलेशकुमार इंगोले, मुख्याध्यापक, जिला परिषद स्कूल, बरहानपुर, पं. स. मोर्शी उपस्थित थे. इस अवसर पर राहुल कर्हाडे, समतादुत प्रकल्प अधिकारी, यवतमाल और विजय वानखड़े, समतादुत प्रकल्प अधिकारी, अमरावती भी उपस्थित थे. इस कार्यक्रम में नीलेशकुमार इंगोले ने संत महात्मा बसवेश्वर के सामाजिक योगदान पर विस्तृत मार्गदर्शन किया. उन्होंने अपने मार्गदर्शन में कहा कि, महात्मा बसवेश्वर ने महिलाओं को समानता प्रदान करने के कार्य किया तथा बालविवाह बंद करने के लिये कार्य किया और विधवा पुनर्विवाह को प्रोत्साहित किया. जातीगत भेदभाव और सामाजिक भेदभाव को मिटाकर समाज में मानवता और समानता के मूल्यों को स्थापित करने के लिए सामाजिक जागरूकता बढ़ाई. उन्होंने छुआछूत, जातिवाद, कर्मकांड, बहुदेववाद, लैंगिक भेदभाव के खिलाफ भी लड़ाई लड़ी. विश्वकल्याण के लिए सामाजिक क्रांति की ज्वाला प्रज्वलित कर आम आदमी के दिल में समानता का मूल्य प्रज्वलित किया. उन्होंने कहा कि समाज को अभी भी महात्मा बसवेश्वर के इस महान कार्य और उनके विचारों की जरूरत है.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विजय वानखड़े ने संत बसवेश्वर के जीवन पर प्रकाश डाला और समाज के महापुरुषों के विचार समाज के लिए मार्गदर्शक हैं, इस पर अपने विचार साझा किए. राहुल कर्हाडे ने अपने अध्यक्षीय भाषण में महात्मा बसवेश्वर के विचारों की आवश्यकता पर जोर दिया. इस कार्यक्रम का संचालन संभव इंगोले ने किया और आभार प्रदर्शन सागर जाखोदिया ने किया. इस कार्यक्रम में ऑनलाईन के माध्यम से राहुल कर्हाडे, प्रकल्प अधिकारी, यवतमाल, विजय वानखड़े, प्रकल्प अधिकारी अमरावती, नीलेशकुमार इंगोले, मुख्याध्यापक तथा समतादुत विभाग के शीतल निंभोरकर, अनीता गवई, प्रकाश गाढ़वे, सुभक्ता पठान, सलीम पठान, राखी सोलव, स्मिता बनसोड़, तेजस्विनी भोसले, अश्विनी तिवारी, सागर जाखोडीया, दुर्गा झाडे, सागर होरे, एस.डी. रंगारी, उषा मेश्राम, सुजाता गायकवाड़, करुणा भोपले, पूजा गौतम, उज्ज्वला घाटोल, भावना वासनिक, अर्चना हांडे, शुभांगी बोरकर आदि उपस्थित थे.